Business

विश्व मृदा दिवस पर प्रोफेसर रतन लाल अवॉर्ड्स की शुरुआत, पुनर्योजी कृषि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 14 विशेषज्ञ सम्मानित

भोपाल । विश्व मृदा दिवस के अवसर पर सॉलिडरीडाड और आईसीएआर–भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान (IISS) ने भोपाल में देश के पहले ‘प्रोफेसर रतन लाल अवॉर्ड्स’ की औपचारिक शुरुआत की। इस पुरस्कार का उद्देश्य भारत में मिट्टी की सेहत, सतत कृषि, और पुनर्योजी कृषि (Regenerative Agriculture) को आगे बढ़ाने वाले नवाचारों और उत्कृष्ट कार्यों को सम्मान देना है। दुनिया के प्रख्यात मृदा वैज्ञानिक, वर्ल्ड फूड प्राइज विजेता, पद्मश्री प्रोफेसर रतन लाल कार्यक्रम में अमेरिका से ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि मिट्टी का स्वस्थ रहना खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के समाधान और पृथ्वी के संतुलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड पद्मश्री डॉ. एम.एच. मेहता को

कार्यक्रम में पहला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड इको-एग्रीकल्चर और मिट्टी संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री डॉ. एम.एच. मेहता को प्रदान किया गया। इनके अलावा देशभर के 13 अन्य विशेषज्ञों, संस्थानों और संगठनों को भी विविध श्रेणियों में सम्मानित किया गया। सम्मानित व्यक्तियों में शामिल हैं, इंजीनियर अवधेश कुमार नेमा, ICAR–नेशनल सोयाबीन रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्रीमती रजनी कुशवाह, डॉ. सविता कुमारी, डॉ. ओपिंदर सिंह संधू, सर्वथोभद्रम ऑर्गेनिक्स सोसाइटी, श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा, लुइस ड्रेफस कंपनी इंडिया, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. राम स्वरूप मीणा, भरूवा एग्रीसाइंस, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और पत्रकार मृत्युंजय कुमार झा।

मिट्टी को बचाना ही भविष्य को बचाना है, विशेषज्ञों के विचार

सॉलिडरीडाड एशिया के प्रबंध निदेशक डॉ. शताद्रु चट्टोपाध्याय ने कहा कि प्रोफेसर रतन लाल की सोच और कार्य हमें प्रेरित करते रहे हैं। यह पुरस्कार उन लोगों को सम्मानित करता है जो मिट्टी को पुनर्जीवित कर रहे हैं और किसानों को जलवायु-सहिष्णु भविष्य दे रहे हैं। IISS के निदेशक डॉ. मनोरंजन मोहंती ने कहा कि विश्व मृदा दिवस पर इन पुरस्कारों का आयोजन भारतीय कृषि प्रणालियों में असली बदलाव लाने वाले नवाचारों को सम्मानित करने का बड़ा अवसर है। सॉलिडरीडाड के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने कहा कि यह अवॉर्ड्स अगली पीढ़ी को मिट्टी की सुरक्षा और पुनर्योजी कृषि की तरफ प्रेरित करेंगे।

दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन

कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन किया गया, एन आउंस ऑफ एक्शन’ (डॉ. एम.एच. मेहता), एबीसी ऑफ रीजनरेटिव एग्रीकल्चर’ (हिंदी संस्करण – प्रोफेसर रतन लाल), इसके साथ ही 20 प्रमुख महिला मृदा वैज्ञानिकों पर आधारित एक विशेष कॉफी टेबल बुक की घोषणा भी की गई, जिसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2026 पर जारी किया जाएगा।

Related Articles