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फिलिपींस बन रहा है भारतीय छात्रों के लिए भरोसेमंद MBBS डेस्टिनेशन

भारतीय छात्र सुरक्षित मेडिकल शिक्षा के लिए फिलीपींस की ओर क्यों बढ़ रहे हैं?


नई दिल्ली।।वैश्विक इमिग्रेशन नीतियों में तेजी से हो रहे बदलावों ने मेडिकल शिक्षा की दिशा ही बदल दी है। अब वह दौर आ गया है जब विदेश में पढ़ाई का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और मान्यता प्राप्त करियर पथ चुनना भी है। सितंबर 2025 से H-1B वीज़ा की आवेदन फीस 1 लाख अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने जा रही है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वीज़ा-आधारित करियर अब पहले जैसा आसान नहीं रहा। इसी अस्थिर माहौल में भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए फिलीपींस (Philippines) एक सुरक्षित, किफ़ायती और मान्यता प्राप्त विकल्प बनकर उभरा है।

भारत में मेडिकल सीटों की कमी: विदेश क्यों हैं विकल्प

वर्ष 2025 में भारत में 23 लाख छात्रों ने NEET-UG के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से केवल 12 लाख ही उत्तीर्ण हुए, जबकि देशभर के 780 कॉलेजों में सिर्फ 1.23 लाख MBBS सीटें ही उपलब्ध हैं।
इस स्थिति में सरकारी कॉलेजों की सीमित सीटें और निजी कॉलेजों की 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक की फीस ने लाखों योग्य छात्रों को विदेश की ओर देखने के लिए मजबूर कर दिया है।

विदेश में पढ़ाई की सुरक्षा की कुंजी

हर विदेशी मेडिकल विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित नहीं होता। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं  जिसमें NEET परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य। कम से कम 54 महीने की सतत पढ़ाई एक ही संस्थान में। एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप। अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा। जो विश्वविद्यालय NMC-स्वीकृत नहीं हैं, उनकी डिग्री भारत में FMGE/NExT परीक्षा के लिए अमान्य मानी जाती है। इसलिए NMC की मान्यता ही विदेश में मेडिकल शिक्षा का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।


वीज़ा नीतियों में बदलाव और छात्रों की नई दिशा

2023 से 2024 के बीच भारतीय छात्रों के नामांकन में अमेरिका में 13%, कनाडा में 41%, और यूके में 28% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं जर्मनी, रूस और फिलीपींस जैसे देशों में बढ़ोतरी देखी गई है। हर साल 15,000 से अधिक भारतीय छात्र फिलीपींस में MBBS की पढ़ाई के लिए जाते हैं, जहाँ उन्हें अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा, किफ़ायती फीस संरचना, स्थिर और पारदर्शी वीज़ा प्रक्रिया, भारत जैसा मौसम और सांस्कृतिक अनुकूलता मिलते हैं।

फिलीपींस क्यों है सुरक्षित मेडिकल डेस्टिनेशन

फिलीपींस के अधिकांश मेडिकल विश्वविद्यालय NMC, WHO, और ECFMG (US) से मान्यता प्राप्त हैं। यहाँ की शिक्षा प्रणाली अमेरिकी पैटर्न पर आधारित है, जिससे छात्रों को USMLE और NExT जैसी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी मिलती है।

भविष्य सुरक्षित करें, वीज़ा पर नहीं

ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर के सीईओ और संस्थापक अध्यक्ष डॉ. डेविड पिल्लै के अनुसार वीज़ा नीतियाँ हर साल बदलती हैं, लेकिन भारत में डॉक्टरों की ज़रूरत कभी खत्म नहीं होती। छात्रों को मान्यता प्राप्त, किफ़ायती और सुरक्षित मेडिकल मार्गों पर ध्यान देना चाहिए ताकि उनका भविष्य अस्थिर इमिग्रेशन नियमों पर निर्भर न रहे।

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