मध्यप्रदेश में उद्योगों के विकास की संभावनाओं पर फेडरेशन अध्यक्ष दीपक शर्मा ने राज्य को बताया ‘उद्योगों के लिए आदर्श स्थान
भोपाल । मध्यप्रदेश के उद्योगों के विकास और संभावनाओं को लेकर फेडरेशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दीपक शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान दीपक शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश का भूगोलिक स्थिति के कारण देश के बीचों-बीच होना, उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण फायदा है। कई राज्यों जैसे उत्तराखंड आदि में परिवहन लागत बहुत अधिक होती है, लेकिन मध्यप्रदेश में यह लागत कम होती है, जिससे यहां उद्योग लगाना ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है।
शर्मा ने उदाहरण देते हुए बताया कि वर्धमान और दावत फूड जैसी बड़ी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में अपने उद्योग स्थापित किए हैं, जिससे वे करोड़ों रुपये की परिवहन लागत बचा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार उद्योगों के विकास के लिए तेजी से काम कर रही है। जबलपुर, उज्जैन और सागर जैसे शहरों में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन कर करोड़ों रुपये का निवेश आकर्षित किया गया है। सागर क्षेत्र से ही 27,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जताई जा रही है।
**मध्यप्रदेश बन रहा है एजुकेशन और स्टार्टअप हब**
दीपक शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश न केवल उद्योगों के लिए, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। भोपाल स्थित वीआईटी विश्वविद्यालय में 15,000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, कई स्टार्टअप भी राज्य में उभर रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र नए उद्यमियों के लिए एक आकर्षक हब बनता जा रहा है।
**फेडरेशन का रूस के साथ एमओयू, औद्योगिक विकास में तेजी की उम्मीद**
दीपक शर्मा ने बताया कि फेडरेशन ने रूस के स्मोलेंस्क क्षेत्र के साथ एक एमओयू किया है। इसके तहत, फेडरेशन का एक प्रतिनिधिमंडल रूस का दौरा कर चुका है और वहां के औद्योगिक विकास मॉडल का अध्ययन किया है। इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश में इसी प्रकार के औद्योगिक विकास की संभावनाओं को तलाशना और उसे क्रियान्वित करना है।
**लाइसेंस प्रणाली को सरल बनाने की मांग**
दीपक शर्मा ने सुझाव दिया कि सरकार को उद्योगों के लिए लाइसेंस की समय सीमा को पैन कार्ड और पासपोर्ट की तरह 10 साल या अधिक करना चाहिए। इसके बाद रिन्यूअल की प्रक्रिया को ऑनलाइन या फिर डीम्ड अनुमति के आधार पर स्वीकृत किया जाना चाहिए। इससे उद्योगपतियों का समय बचेगा, जिसे वे उत्पादन और निर्यात क्षमता में वृद्धि करने में लगा सकेंगे, न कि अलग-अलग विभागों के चक्कर लगाने में।
**गोविंदपुरा और पीथमपुर होंगे ‘आदर्श औद्योगिक क्षेत्र’**
दीपक शर्मा ने बताया कि गोविंदपुरा और पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया को ‘आदर्श औद्योगिक क्षेत्र’ के रूप में विकसित किया गया है, जहां की एसोसिएशन को विकास का अधिकार सौंपा गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि इन क्षेत्रों में तेजी से आधारभूत संरचना का विकास हुआ है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को भी इसी मॉडल पर विकसित किया जाना चाहिए और सभी क्षेत्रों से अवैध अतिक्रमण को हटाना चाहिए।
**औद्योगिक भूमि पर सरकार की सब्सिडी और अन्य सुविधाएं**
शर्मा ने बताया कि अनुपयुक्त भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का विकास करने के लिए सरकार लगभग 62% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इससे राज्य में औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज होगी और नए उद्योग स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी।
**उद्योगों के हित में मांगे गए ये सुझाव:**
1. **समय सीमा में कार्य का निष्पादन:** सभी सरकारी प्रक्रियाओं और योजनाओं का निष्पादन समय सीमा में किया जाना चाहिए।
2. **फ्लैटेड इंडस्ट्रियल एरिया का विकास:** छोटे उद्योगों के लिए फ्लैटेड इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण किया जाना चाहिए।
3. **विद्युत नियामक आयोग में उद्योगों का प्रतिनिधित्व:** आयोग में उद्योगों का एक प्रतिनिधि होना चाहिए ताकि उद्योगों की समस्याएं सीधे सुलझाई जा सकें।
4. **मेन्युफैक्चरिंग का डाटाबेस:** राज्य में मेन्युफैक्चरिंग क्षमता का डाटाबेस होना चाहिए, जिससे फारवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित किया जा सके।
5. **शिक्षा और उद्योग क्षेत्र का समन्वय:** शिक्षा और उद्योग क्षेत्र के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
दीपक शर्मा ने कहा कि सरकार की नीतियों का सही क्रियान्वयन और उद्योगों को बेहतर सुविधाएं देने से मध्यप्रदेश जल्द ही देश के प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में उभरेगा।
**(यह खबर मध्यप्रदेश में उद्योगों के विकास की संभावनाओं और राज्य की औद्योगिक नीतियों पर आधारित है)**