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श्रीलंका में मध्य प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने बौद्ध सर्किट को दिया नया आयाम

प्रदेश के बौद्ध स्थलों के प्रचार-प्रसार को मिली नई दिशा

भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश पर्यटन का उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों श्रीलंका की सद्भावना यात्रा पर है। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग के आमंत्रण पर आयोजित इस विशेष दौरे का नेतृत्व मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. इलैयाराजा टी. कर रहे हैं। उनके साथ उप सचिव पर्यटन श्री राजेश गुप्ता और ज्वाइंट डायरेक्टर टूरिज्म बोर्ड डॉ. एस.के. श्रीवास्तव भी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका में मध्य प्रदेश के बौद्ध सर्किट, रामायण संस्कृति ट्रेल, तथा प्रदेश के प्राचीन व प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार पर ज़ोर देते हुए स्थानीय कलाकारों, कहानीकारों और बौद्ध समुदाय से सहयोग की अपील की।

स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में विशेष सभा

प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबो स्थित स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक महत्वपूर्ण सभा में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता श्रीलंका महाबोधि सोसाइटी के अध्यक्ष, आदरणीय बनागला उपतिस्स नायक थेरो ने की। उन्होंने भारत और श्रीलंका के मध्य हजारों वर्षों से चली आ रही आध्यात्मिक एकता, सांस्कृतिक परंपराओं और बौद्ध विरासत को आत्मीयता से रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
श्रीलंका के विदेश एवं पर्यटन मंत्री से उच्चस्तरीय मुलाकात

इस यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक रहा प्रतिनिधिमंडल का श्रीलंका के विदेश मामले, विदेशी रोज़गार और पर्यटन मंत्री श्री विजित हेराथ से संवाद।
डॉ. इलैयाराजा टी. ने अपने प्रस्तुतीकरण में मध्यप्रदेश के बौद्ध सर्किट—सांची, सतधारा, सोनारी, देवटेक, बघौरा और अन्य स्थलों—को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की अपार संभावनाओं को प्रस्तुत किया। मंत्री हेराथ ने द्विपक्षीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी संभावित सहयोगों पर विशेष रुचि जताई और भारत-श्रीलंका पर्यटन संबंधों को और मजबूत बनाने की इच्छा व्यक्त की।
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भारत के उच्चायुक्त महामहिम संतोष झा के साथ विस्तृत चर्चा

कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त महामहिम संतोष झा ने प्रतिनिधिमंडल के साथ पर्यटन, आतिथ्य, कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए आयामों पर चर्चा की।
उन्होंने बताया कि बौद्ध सर्किट और रामायण ट्रेल के विस्तार से दोनों देशों के पर्यटकों को “गहन आध्यात्मिक अनुभव” प्राप्त होगा।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त सचिव हरिकिशोर एस. ने भी पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने हेतु चल रही योजनाओं की जानकारी साझा की।

हॉस्पिटैलिटी कंपनियों से सफल बैठकें

प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबो में प्रमुख होटल समूहों और हॉस्पिटैलिटी कंपनियों के साथ मुलाकात कर मध्य प्रदेश के पर्यटन सामर्थ्य—लसमृद्ध बौद्ध धरोहर, प्राचीन ऐतिहासिक स्थल, रोमांचक वन्यजीव अनुभव, प्राकृतिक सौंदर्यआध्यात्मिक व वेलनेस पर्यटन
को विस्तार से प्रस्तुत किया।
इन वार्ताओं ने मध्यप्रदेश के पर्यटन बाजार को श्रीलंका में नई पहचान दिलाने में प्रमुख भूमिका

आगे की यात्रा : कैंडी और नुवारा एलिया

आगामी दिनों में प्रतिनिधिमंडल कैंडी और नुवारा एलिया के लिए रवाना होगा, जहाँ वे बौद्ध सर्किट और रामायण संस्कृति ट्रेल के महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन करेंगे।
इससे भारत–श्रीलंका सांस्कृतिक कड़ियों को नई मजबूती मिलेगी और मध्य प्रदेश के बौद्ध पर्यटन की वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यह सद्भावना यात्रा मध्य प्रदेश के बौद्ध पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई ऊर्जा, नए अवसर और नया विस्तार प्रदान करने वाली सिद्ध हो रही है।

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