मुंबई। पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए इंडियन ऑयल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मथुरा में स्थित पांच प्रमुख जल निकायों के पारिस्थितिकी कायाकल्प के लिए श्री चैतन्य हेल्थ एंड केयर ट्रस्ट (SCHCT) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत इंडियन ऑयल की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
समारोह की प्रमुख बातें
यह समझौता ज्ञापन इंडियन ऑयल के विपणन मुख्यालय, मुंबई में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में इंडियन ऑयल के निदेशक (विपणन) श्री वी. सतीश कुमार और इस्कॉन के शासी निकाय सदस्य श्री गौरांग दास उपस्थित रहे।
कौन से जल निकाय होंगे पुनर्जीवित?
इस पहल के तहत मथुरा के बरसाना, नंदगांव और वृंदावन के पांच प्रमुख जल निकायों का कायाकल्प किया जाएगा:
1. प्रेम सरोवर
2. विभाल कुंड
3. पवन सरोवर
4. जल विहार कुंड
5. कृष्ण कुंड
इन जल निकायों का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। लेकिन वर्षों से प्रदूषण और कुप्रबंधन के कारण इनका क्षरण हुआ है।
निदेशक (विपणन) का वक्तव्य
समारोह में श्री वी. सतीश कुमार ने कहा:
> “जल निकाय न केवल मानव जाति बल्कि पशु और पर्यावरण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनकी सही देखभाल न होने के कारण इनके संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गई है। इंडियन ऑयल का यह प्रयास जैव विविधता संवर्धन के साथ देश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का प्रयास है।”
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
पर्यावरणविद और इस्कॉन के सदस्य श्री गौरांग दास ने इंडियन ऑयल के इस कदम की सराहना की और कहा:
> “भारत में 70% पर्यटन आध्यात्मिक पर्यटन है। इन जल निकायों का कायाकल्प न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि कचरा मुक्त और शुद्ध जल निकायों का निर्माण करके पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगा।”
परियोजना के लाभ
1. सांस्कृतिक संरक्षण: ऐतिहासिक जल निकायों का संरक्षण भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोएगा।
2. पर्यावरणीय लाभ: जल निकायों की शुद्धता और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित किया जाएगा।
3. पर्यटन विकास: इन जल निकायों के कायाकल्प से मथुरा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
4. स्थानीय समुदाय को लाभ: स्वच्छ जल निकायों के माध्यम से स्थानीय समुदाय को बेहतर पर्यावरण और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
पर्यावरण संरक्षण में इंडियन ऑयल की भूमिका
इंडियन ऑयल पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। मथुरा के जल निकायों का पुनरुद्धार न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि स्थानीय समुदाय और देश की सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
इंडियन ऑयल ने मथुरा के ऐतिहासिक जल निकायों के पुनरुद्धार के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
