
भोपाल, । जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए कलेक्टर भोपाल श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति एवं टास्क फोर्स बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई और भोपाल में आउटरीच स्वास्थ्य गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिए कई निर्देश जारी किए गए।
आउटरीच स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशंसा
बैठक में नगर निगम भोपाल, महिला एवं बाल विकास विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी, और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी मौजूद रहे। कलेक्टर ने भोपाल जिले में रैन बसेरों, जेलों, कामकाजी महिलाओं, अखबार वितरकों, सिटी बस चालकों, वृद्ध नागरिकों तक पहुंचाई गई स्वास्थ्य सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी वितरण हो रहा है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करता है।
पेशेंट फ्रेंडली हॉस्पिटल और तेज़ आयुष्मान कार्ड निर्माण पर निर्देश
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी शासकीय अस्पतालों में पेशेंट फ्रेंडली वातावरण सुनिश्चित किया जाए ताकि मरीजों को उपचार में कोई असुविधा न हो। उन्होंने विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड तेजी से बनाने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को संयुक्त कार्य करने को कहा।
संज्ञानी क्लीनिक को और सशक्त बनाने की जरूरत
कलेक्टर ने भोपाल के बड़े अस्पतालों पर OPD लोड को कम करने के लिए संज्ञानी क्लीनिक को और सशक्त करने पर ज़ोर दिया। यह क्लीनिक नागरिकों को स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार सेवाएं देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति
बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल जिले की 77 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत अब तक 11,98,789 कार्ड बनाए जा चुके हैं। जिले में 68477 ANC पंजीयन हुए, जिसमें से 89% महिलाओं को प्रथम तिमाही में पंजीकृत किया गया।
जननी सुरक्षा योजना के तहत 14,380 महिलाओं और मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना में 10,983 महिलाओं को लाभ मिला है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत 28,513 जांचें की गईं और 118 स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित गर्भपात सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
शिशु टीकाकरण और नवजात देखभाल में भोपाल अव्वल
भोपाल शिशु टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत MR1 – 97%, MR2 – 92% और पूर्ण टीकाकरण – 110% लक्ष्य प्राप्त किया गया है। जयप्रकाश जिला अस्पताल और डॉ. कैलाशनाथ काटजू अस्पताल में स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) संचालित की जा रही हैं, जिनमें पिछले वर्ष 1036 नवजात भर्ती हुए। बैरागढ़, बैरसिया और कोलार के स्वास्थ्य केंद्रों में 785 नवजात बच्चों को न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (NBSU) में भर्ती किया गया।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम: निजी स्कूलों तक पहुंच
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत 17 मेडिकल टीमों ने पूरे जिले में सेवाएं दी हैं। इसमें जन्मजात हृदय रोग – 66, क्लेफ्ट लिप/पैलेट – 12, कॉक्लियर इंप्लांट – 3, क्लब फुट – 23, कंजेनिटल कैटरेक्ट – 17 सहित सर्जरी पूरी तरह निशुल्क की गई। साथ ही भोपाल के निजी स्कूलों में 1,75,925 बच्चों की स्क्रीनिंग भी की गई।
पोषण पुनर्वास केंद्रों में 791 बच्चों का उपचार
जिले में 5 पोषण पुनर्वास केंद्र (NRCs) संचालित हैं, जहां 791 कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उपचारित किया गया है। यह राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत बाल स्वास्थ्य सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
अन्य प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी चर्चा
बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ रोग उन्मूलन, अंधत्व निवारण, तंबाकू नियंत्रण, और डिजिटल हेल्थ कार्ड्स (ABHA ID) के निर्माण पर भी चर्चा हुई। सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि OPD में आने वाले 70 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति के आयुष्मान और आभा आईडी बनाना सुनिश्चित किया जाए।
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निष्कर्ष:
भोपाल में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार और सुधार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन, और शिशु टीकाकरण जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। कलेक्टर भोपाल की पहल और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में भोपाल जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल जिले के रूप में सामने आएगा।