ICCCNT 2025: IIT इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा STEM सम्मेलन, 99 देशों से 10,000 शोध पत्र, नवाचार और वैश्विक प्रौद्योगिकी सहयोग का महाकुंभ

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर इन दिनों वैश्विक प्रौद्योगिकी संवाद और नवाचार का केंद्र बना हुआ है। 6 से 11 जुलाई 2025 तक आयोजित हो रहे IEEE अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ICCCNT 2025 (International Conference on Computing, Communication and Networking Technologies) ने न केवल तकनीकी क्षेत्रों में दिग्गज विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाया है, बल्कि एशिया का सबसे बड़ा STEM सम्मेलन बनने की उपाधि भी प्राप्त की है।

ग्लोबल स्तर पर रिकॉर्ड भागीदारी

99 देशों से आए विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने इस सम्मेलन में सहभागिता की है। 10,000+ शोध पत्रों में से 900 अंतरराष्ट्रीय प्रविष्टियों को समीक्षा और प्रस्तुति के लिए स्वीकृत किया गया है। यह आयोजन हाइब्रिड फॉर्मेट में हो रहा है, जिससे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से भागीदारी संभव हो सकी है।

प्रमुख विषयवस्तु और तकनीकी फोकस क्षेत्र

ICCCNT 2025 का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), साइबर सुरक्षा, 6G, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, और नेक्स्ट-जेन इंटेलिजेंट सिस्टम्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर केंद्रित है। इसमें प्रमुख भाषण (Keynote addresses),
तकनीकी सत्र,प्रैक्टिकल वर्कशॉप्स,पैनल चर्चाएँ, उद्योग एवं स्टार्टअप प्रदर्शनी शामिल हैं।

प्रमुख नेतृत्व और आयोजन संरचना

इस मेगा इवेंट का नेतृत्व

कॉन्फ्रेंस चेयर प्रो. सूर्य प्रकाश (IIT इंदौर), को-चेयर  प्रो. प्रकाश दुरैसामी (University of Wisconsin, USA), ऑर्गनाइजिंग चेयर – ऑफलाइन: प्रो. मुरुगेसन के. (कोंगू इंजीनियरिंग कॉलेज) कर रहे हैं।   प्रो. सूर्य प्रकाश ने कहा कि “ICCCNT 2025 नवाचार, वैश्विक सहयोग और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति का उत्सव है। यह भारत की वैज्ञानिक क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करता है।
प्रो. दुरैसामी ने सम्मेलन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि  “यह केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की तकनीकी नींव रखने वाला उत्प्रेरक है।”

उद्योग प्रदर्शनी और नवाचार मंच

पहली बार, ICCCNT में उद्योग प्रदर्शनी को सम्मिलित किया गया है जिसमें नवोन्मेषी स्टार्टअप्स, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और उन्नत प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनी अध्यक्ष प्राची गर्ग के अनुसार यह केवल तकनीकी प्रदर्शनी नहीं, बल्कि अनुसंधान और वास्तविक दुनिया के बीच सेतु निर्माण का माध्यम है।

व्यावहारिक अनुभव और सामाजिक विमर्श

सम्मेलन में रियल-टाइम वर्कशॉप्स में रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग टूल्स, ऑटोमेशन सिस्टम्स जैसे विषयों पर छात्रों और शोधकर्ताओं को व्यावहारिक अनुभव भी दिया जा रहा है। पैनल चर्चाओं में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में स्थिरता और जिम्मेदार AI विकास जैसे नैतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी गहन विमर्श किया जा रहा है।
स्थानीय-वैश्विक सहयोग: ओरिएंटल यूनिवर्सिटी इंदौर के साथ साझेदारी

IIT इंदौर ने ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर के साथ अकादमिक सहयोग भी स्थापित किया है, जो स्थानीय संस्थानों को वैश्विक शोध नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है।

भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी विमर्श में मिल रही पहचान

इस आयोजन से यह स्पष्ट है कि भारत अब केवल तकनीकी उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक नवाचार का नेतृत्वकर्ता बन रहा है।
IIT इंदौर, अपनी अकादमिक उत्कृष्टता और शोध नवाचारों के बल पर, भारत को तकनीकी नेतृत्व के पथ पर अग्रसर कर रहा है।

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