नईदिल्ली । चेक के माध्यम से लेनदेन करने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब, चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा, जिससे यह काम सिर्फ कुछ घंटों में हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस प्रक्रिया में सुधार की घोषणा की है, जिससे वर्तमान में चेक क्लियरिंग में लगने वाले समय को घटाकर कुछ घंटे कर दिया जाएगा।
गुरुवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चेक समाशोधन को अधिक प्रभावी बनाने, निपटान जोखिम को कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के उद्देश्य से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) में बदलाव प्रस्तावित किया गया है।
वर्तमान में, चेक जमा करने के बाद राशि को बैंक खाते में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। नई व्यवस्था के तहत, सीटीएस प्रक्रिया में बैच-आधारित प्रोसेसिंग के बजाय निरंतर आधार पर समाशोधन किया जाएगा। इसका मतलब है कि चेक को स्कैन करने और प्रस्तुत करने के बाद कुछ ही घंटों में क्लियरिंग की जाएगी। इससे चेक क्लियरिंग का समय वर्तमान टी प्लस 1 दिन से घटकर सिर्फ कुछ घंटों में हो जाएगा।
इसके साथ ही, गवर्नर दास ने यह भी घोषणा की कि बैंकों को अब अपने ग्राहकों की ‘क्रेडिट’ जानकारी को हर पखवाड़े क्रेडिट सूचना कंपनियों को रिपोर्ट करने का प्रस्ताव किया गया है, जो पहले महीने में एक बार किया जाता था। यह बदलाव बैंकिंग प्रक्रिया को और भी अधिक कुशल और समय-संवेदनशील बनाएगा।
इस नई पहल से चेक लेनदेन करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी, और उनकी धनराशि जल्दी से उनके बैंक खाते में पहुंच जाएगी। यह कदम आरबीआई द्वारा बैंकिंग प्रणाली को और अधिक प्रभावी और उपयोगकर्ता-मित्र बनाने के लिए उठाया गया है।