
नाइजीरिया की चार स्कूली किशोर लड़कियों ने एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने एक यूरिन-पावर्ड जनरेटर बनाया है, जो सिर्फ एक लीटर पेशाब से 6 घंटे तक बिजली पैदा कर सकता है।
कैसे करता है काम?
यह जनरेटर पेशाब (Urine) में मौजूद हाइड्रोजन गैस का उपयोग करता है। प्रक्रिया के दौरान पेशाब से हाइड्रोजन गैस निकाली जाती है, जिसे जनरेटर में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इस गैस से टरबाइन चलती है और बिजली पैदा होती है।
सस्ता और पर्यावरण अनुकूल आविष्कार
यह तकनीक बेहद कम खर्चीली और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है। खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार के हानिकारक धुएं या प्रदूषण का खतरा नहीं है। यह उन क्षेत्रों के लिए एक कारगर समाधान साबित हो सकता है, जहाँ बिजली की आपूर्ति सीमित है या बार-बार कटौती होती है।
किशोरियों की सोच और संदेश
चारों लड़कियों का यह प्रयास दिखाता है कि साधारण से साधारण चीज़ को भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मूल्यवान संसाधन में बदला जा सकता है। यह नवाचार न केवल नाइजीरिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है कि नई ऊर्जा तकनीकों को विकसित कर पर्यावरण संकट और बिजली की कमी जैसी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।