अहमदाबाद । भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की भूमिका को मान्यता देने के लिए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII), अहमदाबाद ने 25वां एमएसएमई दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर संस्थान ने ‘एमएसएमई टॉक’ जैसे विचारोत्तेजक आयोजन कर, देशभर के उद्यमियों को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की।
‘एमएसएमई टॉक’ में रणनीतिक सतत विकास पर केंद्रित संवाद
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था ‘एमएसएमई टॉक’, जिसमें गुजरात सरकार के उद्योग विभाग के संयुक्त आयुक्त श्री आर.डी. बर्हाट ने “बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में एमएसएमई के लिए सतत विकास पथ” विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया।
इस सत्र में ईडीआईआई के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील शुक्ला भी मौजूद रहे।
श्री बर्हाट ने कहा कि “एमएसएमई के लिए सतत विकास को समावेशी, जिम्मेदार और नवाचार आधारित होना चाहिए। डिजिटल विघटन, वैश्विक अस्थिरता और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच, एमएसएमई को अनुकूलनशीलता और रणनीतिक नीति समर्थन के साथ आगे बढ़ना होगा।”
देशभर में 1 लाख से अधिक उद्यमियों तक पहुंच बनाई
ईडीआईआई ने वर्ष 2024-25 में 2200 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर एक लाख से अधिक उद्यमियों तक सीधा संपर्क स्थापित किया।
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम (ESDP) के अंतर्गत इन कार्यक्रमों में बिजनेस एनालिटिक्स, एग्रो-प्रोसेसिंग, रोबोटिक्स और GeM संचालन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया।
महाराष्ट्र में महिला उद्यमिता को मिला नया संबल
एमएसएमई दिवस के अवसर पर, संस्थान ने महाराष्ट्र स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (MSSIDC) द्वारा समर्थित RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) कार्यक्रम के अंतर्गत महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए एक विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया।
इस प्रशिक्षण में GeM, बौद्धिक संपदा अधिकार, वित्तीय प्रबंधन और संचालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया।
डॉ. सुनील शुक्ला का दृष्टिकोण: एमएसएमई, आत्मनिर्भर भारत का मूल आधार
ईडीआईआई के डायरेक्टर जनरल डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि “एमएसएमई केवल आर्थिक इकाइयाँ नहीं हैं, बल्कि नवाचार, लचीलापन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर उद्यमी को समान अवसर मिले, चाहे वह देश के किसी भी कोने में हो।”
ढांचागत विकास में भी अग्रणी योगदान
ईडीआईआई ने SIDBI Cluster Development Fund के तहत ₹10,000 करोड़ की परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए 21 राज्यों में एमएसएमई बुनियादी ढांचे को मज़बूती दी है।
इसके अलावा संस्थान MSE-CDP योजना के अंतर्गत गुजरात के उद्योग क्लस्टरों में सामान्य सुविधा केंद्र (CFCs) भी स्थापित कर रहा है।
भारत के उद्यमिता भविष्य की दिशा में अग्रसर ईडीआईआई
देशभर में अपनी गहरी उपस्थिति और जमीनी कार्यों के माध्यम से ईडीआईआई, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। कौशल विकास, नवाचार और नीति सहयोग के साथ, यह संस्थान भविष्य के उद्यमशील भारत की नींव को मजबूती दे रहा है।
एमएसएमई दिवस 2025 पर ईडीआईआई की पहल: समावेशी और सतत विकास की दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता
