ग्रामीण भारत में नवाचार और तेज़ विकास को गति देने का राष्ट्रीय मंच बना अर्थ समिट 2025-26
हैदराबाद, । अर्थ समिट 2025-26 के हैदराबाद संस्करण में तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का मल्लू ने राज्य सरकार की किसानों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि सिंचाई, डिजिटल फसल रिकॉर्ड और पोस्ट-हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में किए जा रहे निवेश ग्रामीण परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ संकट के समय ही नहीं, बल्कि किसानों की रोज़मर्रा की प्रगति और खुशहाली की यात्रा में भी साथ खड़ी है।
ग्रामीण विकास को तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना की ग्रामीण विकास नीति डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीटेक, फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा और इनक्यूबेशन नेटवर्क के समन्वय पर आधारित है। उनके अनुसार ग्रामीण विकास धीमा नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर तेज़ होना चाहिए। तेलंगाना सरकार के एग्रीकल्चर, मार्केटिंग, को-ऑपरेशन और हैंडलूम एवं टेक्सटाइल्स मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने कहा कि खेती भारत की आर्थिक रीढ़ है और नवाचार, तकनीक तथा सहकारी ढांचे को मजबूत किए बिना किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि संभव नहीं है।
नए युग के लिए ग्रामीण वित्त 2.0
नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने कहा कि संस्थान ग्रामीण वित्त 2.0 की नई संरचना विकसित कर रहा है, जिसमें डिजिटल रियल-टाइम किसान क्रेडिट कार्ड और डेटा-आधारित ऋण प्रक्रिया शामिल होगी। नाबार्ड केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर सहकारी संस्थाओं को पूरी तरह डिजिटल बनाने पर कार्यरत है। उनके अनुसार ग्रामीण भारत को विकास का वास्तविक इंजन बनाना है, जिसके लिए पुरानी प्रणालियों से हटकर नए सिस्टम, संस्थान, डिजिटल नेटवर्क और साझेदारियों की जरूरत है।
अर्थ समिट का उद्देश्य और राष्ट्रीय समर्थन
नाबार्ड और आईएएमएआई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अर्थ समिट का उद्देश्य ग्रामीण नवाचार को प्रोत्साहित करना और किसानों, महिला उद्यमियों, स्थानीय समुदायों और स्टार्टअप्स के समाधान प्रदर्शित करना है। यह दो दिवसीय सम्मेलन 20–21 नवंबर 2025 को हिटेक्स एग्ज़िबिशन सेंटर, हैदराबाद में आयोजित हुआ। समिट को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय सहित कई राष्ट्रीय संस्थानों का समर्थन मिला।
समिट में व्यापक सहभागिता
इस वर्ष के हैदराबाद संस्करण में—
2,000+ प्रतिभागी
80+ वक्ता
50+ प्रदर्शक
25+ सत्र
15 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी
1 प्रमुख हैकथॉन शामिल रहा।
पहले दिन के सत्रों में नाबार्ड, आरबीआई, आईएएमएआई और तेलंगाना सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि नवाचार, डिजिटल वित्त और ऊर्जा समाधानों पर विचार साझा किए।
अर्थ समिट 2025-26 की बड़े पैमाने की रूपरेखा
पूरे सम्मेलन श्रृंखला में अनुमानित—
10,000 प्रतिनिधि,
500+ वक्ता,
250+ एग्ज़िबिटर्स,
30+ मास्टरक्लास,
2 हैकाथॉन शामिल किए जाएंगे।
हैदराबाद के बाद अगले संस्करण गांधीनगर और दिल्ली में आयोजित होंगे।
अर्थ समिट 2025-26 हैदराबाद: तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री ने दोहराई किसानों की खुशहाली व ग्रामीण विकास की प्रतिबद्धता
