ला-नीना प्रभाव से इस बार बढ़ेगी ठंड, हृदय रोगियों को सतर्क रहने की सलाह : डॉ. स्वप्निल गर्दै

भोपाल से विशेष रिपोर्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वर्ष सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेताया है कि ला-नीना प्रभाव (La Niña Effect) के कारण उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान औसत से 2-3 डिग्री कम रह सकता है। मौसम के इस बदलाव को देखते हुए वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वप्निल गर्दै ने लोगों, विशेष रूप से हृदय रोगियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
डॉ. स्वप्निल गर्दै ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ठंड के मौसम में शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर दबाव अधिक पड़ता है। उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर का बढ़ना अक्सर बिना लक्षण के होता है, लेकिन थकान, सिरदर्द, सांस फूलना या धड़कन तेज होना इसके संकेत हो सकते हैं। इसलिए नियमित ब्लड प्रेशर जांच बेहद जरूरी है।
बिना सलाह दवा लेने से बचें
डॉ. गर्दै ने सोशल मीडिया पर चल रहे भ्रामक संदेशों को लेकर भी चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि कई लोग सॉर्बिट्रेट (Sorbitrate) जैसी दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के ले रहे हैं, जो रक्तचाप को अचानक कम कर देती हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से चक्कर, बेहोशी या दिल का दौरा पड़ने जैसी स्थिति बन सकती है। हर दवा डॉक्टर की देखरेख में ही लेनी चाहिए।
आपात स्थिति में क्या करें
डॉ. स्वप्निल ने सलाह दी कि हृदय रोगी हमेशा अपने पास डिस्प्रिन जैसी आपातकालीन दवा रखें। छाती में दर्द, पसीना आना या सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डिस्प्रिन लें और चिकित्सक से संपर्क करें।
ठंड में कैसे रखें दिल की सुरक्षा
डॉ. गर्दै ने हृदय रोगियों के लिए सर्दी में पालन करने योग्य कुछ सावधानियां भी बताईं , वृद्धजन बहुत सुबह खुले में व्यायाम न करें, बल्कि घर के गर्म वातावरण में हल्का व्यायाम करें।
अचानक भारी परिश्रम या ठंडे पानी से नहाने से बचें।
जिन लोगों को पहले हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर या पंपिंग क्षमता कम है, वे खांसी, सर्दी और निमोनिया से अतिरिक्त बचाव रखें।।नियमित दवाएं और जांच जारी रखें तथा सर्दी के मौसम को हल्के में न लें। थोड़ी-सी सावधानी जीवन बचा सकती है, गर्म कपड़े पहनें, नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह मानें।



