डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक और पर्यटन अभ्युदय : मंत्री धर्मेंद्र लोधी

14 करोड़ पर्यटक, 900 करोड़ के सांस्कृतिक लोक और वैश्विक पहचान की ओर अग्रसर प्रदेश

भोपाल। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के सांस्कृतिक अभ्युदय और पर्यटन विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार की प्राथमिकता है कि मध्यप्रदेश को भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक पटल पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाए।

14 करोड़ से अधिक पर्यटक, देश में सर्वाधिक वृद्धि

मंत्री श्री लोधी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश में 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि है—यह देश में सर्वाधिक है। पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए विभाग को बीते दो वर्षों में 18 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

सांस्कृतिक और धार्मिक लोकों का निर्माण

प्रदेश में 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 20 सांस्कृतिक और धार्मिक लोकों का निर्माण किया जा रहा है। ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक परियोजना के दूसरे चरण के लिए 2424 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि पहले चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है।

ग्रामीण पर्यटन और होमस्टे से रोजगार

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 400 से अधिक होमस्टे प्रारंभ किए गए हैं, जिससे ग्रामीण परिवारों को 7 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। सरकार का लक्ष्य 1000 होमस्टे विकसित करने का है।

निवेश, नीति और अधोसंरचना

नई पर्यटन नीति 2025 और फिल्म पर्यटन नीति 2025 लागू की गई है। रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव और मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, हेरिटेज होटल, क्राफ्ट टूरिज्म विलेज और संग्रहालयों की नई श्रृंखला पर कार्य जारी है।

भविष्य का लक्ष्य

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। साथ ही भोपाल, इंदौर और महेश्वर को क्रिएटिव सिटी, तथा 10 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।

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