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भोपाल को ‘जीवित विरासत’ के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम, पर्यटन मंत्री बोले: यहाँ अतीत और वर्तमान संवाद के साथी

हिस्टोरिक सिटी सीरीज–2025 के तहत कार्यशाला सह संवाद कार्यक्रम सम्पन्न

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में “सिटी ऑफ लिट्रेचर” के रूप में स्थापित करने की दिशा में पर्यटन विभाग ने महत्वपूर्ण पहल की है। इसी उद्देश्य से स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के सहयोग से कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हिस्टोरिक सिटी सीरीज भोपाल कार्यशाला सह संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने किया।
भोपाल एक जीवंत विरासत पर्यटन मंत्री लोधी

श्री लोधी ने कहा कि भोपाल सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि स्मृति, साहित्य, कला, स्थापत्य और सांस्कृतिक पहचान की परतों से बना जीवंत नगर है। उन्होंने बताया कि भारत के ऐतिहासिक नगरों ग्वालियर, ओरछा और भोपाल को इस प्रतिष्ठित श्रृंखला में शामिल किया गया है। भोपाल की झीलों, पहाड़ियों, बस्तियों और बहु–सांस्कृतिक विरासत में वह दर्शन छिपा है जो किसी शहर को सिर्फ संरचना नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना प्रदान करता है।

प्रदेश के ऐतिहासिक नगरों को वैश्विक पहचान दिलाने पर जोर

अपर मुख्य सचिव एवं प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रदेश ऐतिहासिक धरोहरों, स्थापत्य और सांस्कृतिक विविधता के आधार पर देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। उन्होंने ग्वालियर, ओरछा और भोपाल सहित सभी सांस्कृतिक नगरों को योजनाबद्ध प्रयासों और जनभागीदारी के माध्यम से वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की बात कही।

भोपाल—साहित्य को जीने वाला शहर

पैनल डिस्कशन में डॉ. अभय अरविंद बेड़ेकर ने कहा कि सिटी ऑफ लिट्रेचर के लिए भोपाल का नामांकन इसकी अनूठी विरासत को सम्मानित करता है। यहाँ हिंदी–उर्दू की साझा परंपरा, अकादमियां, पुस्तकालय और साहित्यिक समुदाय इसे वैश्विक मंच पर अलग पहचान देते हैं। संयुक्त संचालक (प्लानिंग) प्रशांत बघेल ने कहा कि टूरिज्म बोर्ड के सतत प्रयासों से वर्ष 2026 में भोपाल का नामांकन और अधिक मजबूत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रो. कैलासा राव, डॉ. टी. अरुण राज, सविता राजे, तपस्या, मल्लिका सहित अनेक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

हेरिटेज वॉक में जाना बोहरा, गौहर महल और मोती महल का इतिहास

कार्यक्रम के बाद प्रतिभागियों ने गौहर महल से इक़बाल मैदान होते हुए मोती महल तक हेरिटेज वॉक में हिस्सा लिया। ओ.पी. मिश्रा और ए.आर. रमेश पी. भोले के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों ने भोपाल की स्थापत्य शैली, सांस्कृतिक इतिहास और सामाजिक विकास की परतों को समझा।

क्या है हिस्टोरिक सिटी सीरीज?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) द्वारा देश के ऐतिहासिक नगरों की जीवंत विरासत और शहरी परंपराओं को सामने लाने के उद्देश्य से Historic City Series–2025 आयोजित की जा रही है।
इसमें ग्वालियर (11 नवंबर), ओरछा (13 नवंबर) और भोपाल शामिल हैं। इस आयोजन ने भोपाल को जीवित विरासत वाला विश्वस्तरीय नगर  के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में नई ऊर्जा भर दी है।

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