भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीक के माध्यम से सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम
भारत, । ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख साइकोलॉजिकल वेलनेस कंपनी ‘गिव मी फाइव’ (GM5) ने भारतीय बाजार में आधिकारिक रूप से प्रवेश कर लिया है। करीब 50 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 30 करोड़ रुपये) के शुरुआती निवेश के साथ कंपनी ने भारत में अपना GM5 बीटा ऐप लॉन्च किया, जिसे अभ्यासरत मनोवैज्ञानिकों की टीम ने विकसित और परीक्षण किया है। यह ऐप दैनिक मानसिक स्वास्थ्य जांच, ट्रैकिंग और सहायता के लिए एक सुरक्षित, गोपनीय और आसान प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
GM5 ऐप की प्रमुख खासियतें
ऐप में उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जरूरतों पर आधारित कस्टमाइज्ड मानसिक सेहत जांच, एक टैप में आपातकालीन SOS संपर्क, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, सरल भाषा में गाइडेंस, पर्सनल वेलनेस सेफ्टी प्लान और 24×7 ऑफलाइन एक्सेस जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से यूजर अपने चुने हुए सपोर्ट नेटवर्क से बिना तनाव के जुड़ सकते हैं।
B2C लॉन्च के साथ भारत में विस्तार
GM5 का यह B2C लॉन्च उसकी मौजूदा B2B मौजूदगी को मजबूत करता है। 2019 में डॉ. लिसा फही और ब्रेंडन फही द्वारा स्थापित यह स्टार्टअप अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में स्कूलों, पूर्व सैनिकों और एनजीओ के साथ काम करता रहा है। भारत में कंपनी पिछले तीन वर्षों से स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने के लिए सक्रिय है।
भारत में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक
संस्थापक एवं सीईओ डॉ. लिसा फही के अनुसार, भारत में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी है—प्रति लाख लोगों पर सिर्फ 0.75 मनोचिकित्सक और 0.7 मनोवैज्ञानिक। ज्यादातर लोग कलंक या दूरी की वजह से मदद नहीं ले पाते। GM5 इस अंतर को भरने का प्रयास कर रहा है।
कर्नाटक और तेलंगाना में 5,000 छात्रों पर किए गए हालिया सर्वे में पाया गया कि 24% बच्चे मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं, जबकि 6-10% को तत्काल मदद की जरूरत है। नींद की कमी, फोकस की दिक्कत और माता-पिता को निराश करने का भय बच्चों में सबसे बड़ा तनाव कारण है।
GM5 का लक्ष्य भारत में हर व्यक्ति और परिवार तक कलंक-मुक्त मानसिक स्वास्थ्य सहायता को सरल, सुरक्षित और टेक्नोलॉजी आधारित रूप में पहुँचाना है।
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ऑस्ट्रेलियाई मेंटल हेल्थ स्टार्टअप ‘गिव मी फाइव’ का भारत में प्रवेश, लॉन्च किया GM5 बीटा ऐप
