अदाणी समूह का 2021 में घोषित AI-Driven India का सपना अब ब्लूप्रिंट से निकलकर ज़मीन पर उतर चुका है। रिन्यूएबल एनर्जी, हाई-कम्प्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेंटर नेटवर्क पर केंद्रित यह विज़न अब विशाखापट्टनम वैली के रूप में भारत की नई तकनीकी पहचान गढ़ रहा है। 2021 में गौतम अदाणी ने यह घोषणा की थी कि समूह अगले 10 वर्षों में करीब 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा, फोकस होगा रिन्यूएबल एनर्जी, कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसमिशन-डिस्ट्रिब्यूशन, और डेटा सेंटर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर पर। उन्होंने तब कहा था कि भविष्य के AI युग में डेटा, एनर्जी और कम्प्यूटिंग पावर तीनों निर्णायक स्तंभ बनेंगे।
आज यह विज़न वास्तविक रूप ले चुका है। AdaniConneX के माध्यम से समूह गीगावॉट-स्तर के डेटा सेंटर नेटवर्क तैयार कर रहा है, जो भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती डिजिटल इकाइयों में से एक है। वहीं Google LLC के साथ मिलकर विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) में भारत का सबसे बड़ा AI और डेटा हब विकसित किया जा रहा है, जिसमें करीब 15 अरब डॉलर का निवेश अगले पांच वर्षों में प्रस्तावित है। साथ ही खवड़ा (गुजरात) में 30 GW का हाइब्रिड रिन्यूएबल पार्क पहले से ही परिचालन के लिए तैयार है, जो इन डेटा हब्स को पूरी तरह ग्रीन एनर्जी से संचालित करेगा।
अदाणी समूह का यह एनर्जी-टू-कम्प्यूट मॉडल भारत में एक नया औद्योगिक प्रतिमान बना रहा है, जहाँ ग्रीन एनर्जी + डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर + कनेक्टिविटी का सम्मिलन, भविष्य की तकनीकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेगा। अब कहा जा रहा है कि जैसे अमेरिका की पहचान सिलिकॉन वैली से होती है, वैसे ही भारत की नई पहचान विशाखापट्टनम वैली के रूप में उभर रही है, जहाँ ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का संगम भारत को आत्मनिर्भर डिजिटल शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।
अदाणी का 2021 वाला AI विज़न अब हकीकत: विशाखापट्टनम बन रहा भारत की नई टेक वैली
