मजदूरों की पीड़ा पर मूवी बनाने वाले अरबपति केजी अब्राहम, कुवैत में इन्हीं के अपार्टमेंट में जलकर मरे 45 भारतीय

नई दिल्ली,। साल 2023 में आई एक मलयाली फिल्म आडुजीवितम जिसकी कहानी सऊदी अरब में केरल एक प्रवासी मजदूर के संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है। इसने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपए की कमाई कर अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं। केरल के बिजनेसमैन केजी अब्राहम इस फिल्म के सह-निर्माता थे। अब्राहम उस फर्म के प्रबंध निदेशक भी हैं और कुवैत की उस बिल्डिंग के मालिक भी हैं, जिसमें 12 जून को भीषण आग लगने से 45 भारतीय मजदूरों की मौत हो गई थी।
इमारत में भीषण आग लगने से अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 45 भारतीय थे। कुछ शव की पहचान फोरेंसिक जांच की गई। भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों के शवों को भारत लाया गया था। इस हादसे में जान गंवाने वालों में कोई पेशे से इंजीनियर था, तो कोई ड्राइवर और सुपरवाइजर था। कुवैत की जिस इमारत में यह हादसा हुआ उसका मालिकाना हक एनबीटीसी नाम की कंपनी के पास है, जिसके मालिक केजी अब्राहम हैं।
केजी अब्राहम नासेर मोहम्मद अल-बद्दाह एंड पार्टनर ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी (एनबीटीसी) के प्रबंध निदेशक हैं। इस कंपनी की स्थापना 1977 में हुई थी, जो इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स, होटल और रिटेलिंग के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देती है। अब्राहम केसी ग्रुप के भी प्रमुख हैं, जिसने फिल्म आडुजीवितम का को-प्रोडक्शन किया था। अब्राहम की संपत्ति चार हजार करोड़ रुपए है। वह कुवैत में हाईवे सेंटर नामक एक सुपरमार्केट चेन के मालिक हैं। वह कोच्चि में क्राउन प्लाजा फाइव स्टार होटल के भी मालिक है।
मध्य केरल के पथानामथिट्टा जिले के निरनम के रहने वाले कट्टुनिलाथ गीवर्गीज अब्राहम ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और 1976 में 22 साल की उम्र में कुवैत चले गए थे। वह महत्वाकांक्षी थे और जानते थे कि मध्य पूर्व में अवसर उसका इंतजार कर रहे थे। उन्हें अपनी पहली नौकरी बधा एंड मुसैरी नाम की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में मिली और उनका वेतन 60 दीनार था। इसके सात साल बाद वह एनबीटीसी में भागीदार बन गए। इस कंपनी ने कुवैत में सिविल कंस्ट्रक्शन के छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए।
कुवैत युद्ध अब्राहम के जीवन का टर्निंग पाइंट था जब युद्ध शुरू हुआ तो वह अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर थे। एक महीने बाद जैसे ही युद्ध खत्म हुआ, वह कुवैत लौट गए। उन्होंने यहां निवेश किया। उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तेल, गैस और अन्य क्षेत्रों में अपने काम का विस्तार किया। अब्राहम ने जिस कंपनी की शुरुआत 90 मजदूरों के साथ की थी, वह पंद्रह हजार कर्मचारियों तक फैल गई।
केरल के कोच्चि में फाइल स्टार होटल क्राउन प्लाजा में केजी अब्राहम की हिस्सेदारी है। उनका 2006 में केरल के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री टीयू कुरुविला के साथ एक भूमि सौदे को लेकर विवाद हुआ था। टीयू कुरुविला ने कथित तौर पर 50 एकड़ बंजर भूमि अब्राहम को बेचने की कोशिश की थी। लेकिन जब अब्राहम को लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है तो उन्होंने इस सौदे से इनकार कर दिया।
अब्राहम इस मामले को लेकर केरल सरकार के पास गए और इसके कारण मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। अब्राहम ने सीपीएम के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार से भी संपर्क किया, जब उन्हें लगा कि प्रवासियों से एकत्र की गई 2018 की बाढ़ राहत राशि लोगों तक नहीं पहुंच रही है तो केरल सरकार ने 2023 में फैसला किया कि वह खाली घरों पर भी कर लगाएगी। केजी अब्राहम ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी और पॉलिटिकल फंडिंग बंद करने की घोषणा की थी। 2018 में केरल में भयंकर बाढ़ के दौरान, अब्राहम ने राज्य के लोगों की बहुत मदद की थी।



