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भारतीय छात्रों को …….अमेरिका में ट्रंप की गांरटी

वाशिंगटन । आव्रजन के मुद्दे पर अपने सख्त रुख में आश्चर्यजनक बदलाव कर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी कॉलेजों से ग्रेजुएशन करने वाले विदेशी छात्रों को सीधे ग्रीन कार्ड देने की इच्छा जाहिर की है। एक इंटरव्यू के दौरान ट्रम्प ने कहा कि ‘मैं जो करना चाहता हूं और जो करूंगा, वह यह है कि जब आप किसी कॉलेज से ग्रेजुएट होते हैं, तब मुझे लगता है कि आपको अपने डिप्लोमा के हिस्से के रूप में खुद-ब-खुद ग्रीन कार्ड मिलना चाहिए, इस देश में रहने में सक्षम होने के लिए एक ग्रीन कार्ड। उन्होंने प्रस्ताव में दो साल के जूनियर कॉलेजों और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के ग्रेजुएट को भी शामिल करने के लिए कहा।
ट्रम्प का यह बदला हुआ मिजाज अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का जोश बढ़ाने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 शैक्षणिक वर्ष के दौरान अमेरिका में उच्च शिक्षा का विकल्प चुनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई। यह उछाल पिछले साल की तुलना में 35 फीसदी बढ़ोतरी को दिखाता है। आंकड़ों से पता चला है कि 200,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने विभिन्न अमेरिकी संस्थानों में दाखिला लिया, जो कि एक नया रिकॉर्ड है।
कैरियर की संभावनाओं को बढ़ाने के मौके ने अमेरिका को भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा जगह बना दिया है। ट्रंप की यह ताजा टिप्पणी उनके विशिष्ट आप्रवासी विरोधी बयानबाजी को छोड़ने का संकेत देती है। ट्रम्प अक्सर आप्रवासियों को सार्वजनिक सुरक्षा, नौकरी की सुरक्षा और सरकारी संसाधनों के लिए खतरा बताते रहे हैं। जब दुनिया भर से सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली लोगों को अमेरिका में लाने की योजना के बारे में पूछा गया, तब ट्रम्प ने जवाब दिया ‘मैं इसका वादा करता हूं।
गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड या स्थायी निवासी कार्ड, अमेरिकी नागरिकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ट्रम्प की योजना का उद्देश्य उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों को अमेरिका में बनाए रखना है जिन्होंने अमेरिका में अपनी शिक्षा हासिल की है।जो अक्सर इन छात्रों को उनके गृह देशों में वापस लौटते हुए देखते हैं।

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