तिन और जेलेंस्की ने बना लिया एक दूसरे के यहां तबाही का प्लान, बस एक इशारे का है इंतजार
कीव । रूस-यूक्रेन जंग में ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं और कौन किस पर भारी पड़ जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस में तबाकी प्लान बनाने में जुटे हैं। उन्हें केवल अमेरिका से मंजूरी मिलने का इंतजार है। खबरों के मुताबिक, जेलेंस्की ने कहा कि शुक्रवार को खार्किव में गाइडेड एरियल बमों से 6 लोगों की मौत हो गई और 97 लोग घायल हो गए। शनिवार को भी इसी तरह के कई हमले हुए। जेलेंस्की ने कहा कि इन इन हमलों को केवल रूसी सैन्य हवाई क्षेत्रों, रूसी सेना के ठिकानों और उनके रसद-हथियारों पर हमला करके ही रोका जा सकता है। जेलेंस्की को अपने प्लान के लिए केवल अमेरिका की इजाजत का इंतजार है। अपने वीडियो संदेश में जेलेंस्की ने कहा कि हम इस बारे में अपने सहयोगियों से हर दिन बात करते हैं। हम उन्हें मनाते हैं। हम दलीलें पेश करते हैं।
जेलेंस्की ने अमेरिका पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यूक्रेन चाहता है कि अमेरिका उसे रूसी एयरफील्ड्स और बेस पर हमला करने की मंजूरी दे। इस बाबत यूक्रेनी डेलिगेशन ने अमेरिका में सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की। जी हां, यूक्रेन ने अमेरिका पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह कीव को रूसी क्षेत्र के अंदर सैन्य ठिकानों पर हमला करने की अनुमति दे। जेलेंस्की ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से अपील करते हुए कहा कि हमें यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों की सही मायने में और पूरी तरह से रक्षा करने की क्षमता चाहिए। हमें लंबी दूरी की क्षमताओं और आपके लंबी दूरी के गोले और मिसाइलों के लिए अनुमति, दोनों की जरूरत है। उन्होंने साफ कहा कि हमने अपनी डिटेल सहयोगी देशों को भेज दी है कि हमें क्या-क्या चाहिए। माना जा रहा है कि जेलेंस्की का प्लान तैयार है। वह रूस पर हमला करने को पूरी तैयारी कर चुके हैं। मगर इसे अंजाम देने के लिए उन्हें अमेरिका की हां का इंतजार है। हालांकि, पुतिन भी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे हैं। वह भी पूरी तैयारी में हैं। बीते एक सप्ताह से तो ताबड़तोड़ अटैक भी कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले जेलेंस्की ने कहा था कि उनके पास जंग खत्म करने का प्लान है। जेलेंस्की राष्ट्रपति जो बाइडन को जीत वाला प्लान बताएंगे। साल 2022 से लेकिन अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 50 बिलियन डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता प्रदान की है, मगर अपने हथियारों के इस्तेमाल को यूक्रेनी धरती और रक्षात्मक सीमा पार अभियानों (डिफेंसिव क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन) तक सीमित रखा है। यानी अमेरिका ने अब तक अपने हथियारों को रूस के भीतर दुश्मन देश पर अटैक करने के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं दी है। मगर अब जेलेंस्की चाहते हैं कि वह अमेरिकी हथियारों से पुतिन के घर को धुआं-धुआं कर दे।