World

भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच चर्चा में आई ‘मैसूर पाक’ मिठाई की क्या है कहानी, और क्यों हो रही इसका नाम बदलने पर बहस?

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच एक बेहद लोकप्रिय दक्षिण भारतीय मिठाई ‘मैसूर पाक’ अचानक सुर्खियों में आ गई है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसका नाम बदलने की मांग उठाई है, क्योंकि इसके नाम में “पाक” शब्द आता है, जो पाकिस्तान से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। हालांकि, सच्चाई इससे काफी अलग है। आइए जानते हैं मैसूर पाक मिठाई की असल कहानी और नाम बदलने की बहस के पीछे की पूरी सच्चाई।

क्या है मैसूर पाक?

मैसूर पाक एक पारंपरिक दक्षिण भारतीय मिठाई है जो बेसन, घी और शक्कर से बनाई जाती है। यह मिठाई खास तौर पर कर्नाटक में लोकप्रिय है और विशेष रूप से मैसूर शहर से जुड़ी हुई है। यह मिठाई इतनी प्रसिद्ध है कि इसे अक्सर “दक्षिण भारत का लड्डू” भी कहा जाता है।

‘पाक’ शब्द का असली अर्थ क्या है?

‘पाक’ शब्द संस्कृत और पुरानी हिंदी से लिया गया है, जिसका मतलब होता है “पकाया हुआ” या “पाक कला से संबंधित”। भारतीय रसोई में यह शब्द भोजन के पकने या तैयार होने की स्थिति को दर्शाने के लिए सदियों से उपयोग में लाया जाता रहा है।

इस संदर्भ में “मैसूर पाक” का मतलब है – मैसूर की शैली में बना पकवान या मिठाई। इसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है।

मैसूर पाक का इतिहास क्या है?

इस मिठाई की उत्पत्ति मैसूर के राजमहल में हुई मानी जाती है। कहा जाता है कि 1930 के दशक में, मैसूर के राजा वोडेयार के रसोइये कक्कासुरा मदप्पा ने पहली बार इस मिठाई को तैयार किया था। राजा को यह स्वाद इतनी पसंद आया कि उन्होंने इसे राजभवन की स्थायी मिठाई घोषित कर दिया। बाद में मदप्पा ने “श्री कृष्णा स्वीट्स” के नाम से दुकान खोली और यह मिठाई पूरे दक्षिण भारत में फैल गई।

नाम बदलने की बहस क्यों शुरू हुई?

हाल ही में कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंधों के बीच इस मिठाई के नाम पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि “पाक” शब्द पाकिस्तान की याद दिलाता है, इसलिए इसका नाम बदला जाना चाहिए। हालांकि, कई लोग इस विचार का विरोध कर रहे हैं और इसे ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अज्ञानता करार दे रहे हैं।

क्यों नाम बदलने की कोई ज़रूरत नहीं?

ऐतिहासिक महत्व: यह मिठाई भारत के राजवंशीय इतिहास और पाक परंपरा से जुड़ी है।

भाषाई स्पष्टता: ‘पाक’ शब्द का पाकिस्तानी संदर्भ से कोई लेना-देना नहीं, यह एक पारंपरिक शब्द है।

संस्कृति का सम्मान: ऐसे नाम भारतीय संस्कृति और भाषा की गहराई को दर्शाते हैं, जिन्हें सतही भावनाओं के आधार पर नहीं बदलना चाहिए।

निष्कर्ष

‘मैसूर पाक’ एक शुद्ध भारतीय मिठाई है, जिसका नाम भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत से जुड़ा है। इसे पाकिस्तान से जोड़ना न केवल एक भ्रम है, बल्कि यह भारतीय परंपरा के प्रति अज्ञानता को भी दर्शाता है। सोशल मीडिया पर उठी यह बहस हमें यह सोचने पर मजबूर जरूर करती है कि शब्दों के अर्थ को समझे बिना हम किस तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे हैं।

Related Articles