
**खार्तूम:** गाय और गौमूत्र को केवल हिंदू धर्म या भारत में ही नहीं, बल्कि दक्षिण सूडान के मुंडारी समुदाय में भी अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस समुदाय की परंपराएं और मान्यताएं हैरान करने वाली हैं। मुंडारी लोग अपनी गायों के मूत्र से खुद को धोने की प्रथा को सांस्कृतिक परंपरा के रूप में निभाते हैं, जिसके व्यावहारिक और प्रतीकात्मक महत्व हैं।
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को गौमूत्र से सिर और मुंह धोते हुए देखा जा सकता है। यह किसी मजबूरी के तहत नहीं, बल्कि एक परंपरा के तौर पर किया जाता है। मुंडारी समुदाय के लिए गायें दैनिक और आध्यात्मिक जीवन का केंद्र हैं। गौमूत्र का उपयोग स्वच्छता और कॉस्मेटिक मकसद के लिए किया जाता है, और इसे सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद माना जाता है। अमोनिया की उपस्थिति के कारण यह एक प्रभावी कीटाणुनाशक और कीट प्रतिरोधी माना जाता है।
मुंडारी मानते हैं कि गोमूत्र में त्वचा और बालों को सफेद करने के गुण होते हैं। इस परंपरा पर कई लोगों ने हैरानी जताई है, जबकि कुछ ने इस कनेक्शन की तारीफ भी की है। एक इटली के यूजर ने कमेंट में लिखा है, “वे इसका उपयोग करने वाले अकेले नहीं हैं। भारत में गाय के पेशाब से औद्योगिक स्तर पर एक कीटाणुनाशक सफाई उत्पाद बनाया गया है। यह मधुमेह और कैंसर के इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक उत्पादों में भी शामिल है।”
बता दें कि हिंदू धर्म में गौमूत्र के कई गुणों का महत्व माना जाता है और गायें दैनिक और आध्यात्मिक जीवन में बहुत अहम मानी जाती हैं। मुंडारी समुदाय की यह परंपरा भी इसी तरह की मान्यताओं का प्रतिबिंब है।