20 साल की उम्र से शुरु कर दे ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना
हार्ट अटैक से बचना है तो यह जांच है बेहद जरुरी
वाशिंगटन । कोलेस्ट्रॉल को काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि अन्य बीमारियों की तरह इसके कोई भी लक्षण शरीर में नजर नहीं आते। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल लिमिट से ज्यादा बढ़ जाता है तब इसके कुछ-कुछ लक्षण दिखने शुरू होते हैं।ऐसे में ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपना रेगुलर चेकअप करवाएं।
अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन के मुताबिक, व्यक्ति को 20 साल की उम्र से अपना ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना शुरू कर देना चाहिए।मुंबई स्थित एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों में 9 साल की उम्र में सबसे पहले लिपिड लेवल चेक करना चाहिए इसके बाद 17 से 20 साल उम्र के बीच लिपिड लेवल चेक करना चाहिए।अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बच्चों की शुरुआती उम्र में ही उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक करना चाहिए।ब्लड कोलेस्ट्रॉल के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए यह काफी जरूरी है कि आप कोलेस्ट्र्रॉल लेवल चेक करने की अपनी रोजाना की आदत बनाएं।भारत में ब्लड कोलेस्ट्रॉल की बात करें तो यहां शहरों में 25 से 30 फीसदी लोग और ग्रामीण इलाकों में 15 सो 20 फीसदी लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं।2017 की एक स्टडी के अनुसार, 20 साल की अवधि में शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि हुई है।कुल मिलाकर, एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि 20 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को हर 5 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए और इसके बाद टेस्ट की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है.19 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल 170 मिलीग्राम/ डेसीलीटर के कम होना चाहिए।एडल्ट्स में कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल लेवल 200 से कम होना चाहिए। जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल 200 से 239 के बीच में होता है उसे बॉर्डर लाइन कहा जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि आप कोलेस्ट्रॉल लेवल को इससे कम ही रखें।हाई कोलेस्ट्रॉल में जेनेटिक्स भी अहम भूमिका निभाते हैं।जिन लोगों की हाई कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री होती है उन्हें अपने शुरुआती जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।अगर आपके परिवार में किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आपमें भी इस समस्या के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.इसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के रूप में जाना जाता है, इस स्थिति में आपकी रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा काफी ज्यादा होता है।जिसके चलते, व्यक्ति बहुत कम उम्र से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।