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फ्रांस के सैन्य अफसरों पर हमला करेंगे : सर्गेई लावरोव

मास्को । रूस ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन में फ्रांसीसी सेना का कोई भी अफसर मौजूद रहेगा तो वह उस पर हमला जरूर करेगा। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया था कि उनके सैनिकों को फ्रांस ट्रेनिंग दे रहा है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लावरोव ने कहा कि मुझे लगता है कि फ्रांस के मिलिट्री इंस्ट्रक्टर यूक्रेन में हैं। यहां मौजूद हर सैन्य अधिकारी हमारी आर्मी के लिए एक टारगेट हैं। दरअसल, यूक्रेन के टॉप कमांडर ने पिछले हफ्ते जानकारी दी थी कि यूक्रेन ने फ्रांस के साथ पेपरवर्क साइन किया है। इसके तहत फ्रांस के सैन्य प्रशिक्षक जल्द ही यूक्रेन के ट्रेनिंग सेंटर्स पहुंचेंगे।
रूस विरोधी गुट को बचाने की कोशिश
अफ्रीकी देश कॉन्गो के दौर पर गए रूसी विदेश मंत्री ने 15-16 जून को स्विट्जरलैंड में होने वाली यूक्रेनी पीस समिट पर भी बात की। उन्होंने कहा कि किसी भी चर्चा की शुरुआत तब हो सकती है, जब हम अभी की हकीकत को स्वीकार करेंगे। स्विटजरलैंड में होने वाली कॉन्फ्रेंस का कोई मतलब नहीं है। वह इस चर्चा के जरिए रूस विरोधी गुट को बचाना चाहते हैं, जो जल्द ही टूटने वाला है। दरअसल, 2 साल से ज्यादा समय से जारी इस जंग में रूस अब तक यूक्रेन की 18 प्रतिशत जमीन पर कब्जा कर चुका है। दूसरी तरफ, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के बयान पर प्रक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि 6 जून को डी-डे की 80वीं सालगिरह से जुड़े कार्यक्रमों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की उनके साथ मौजूद होंगे। मैक्रों तभी यूक्रेन के लिए फ्रांस के समर्थन से जुड़ी जानकारी साझा करेंगे।
जरूरत पड़ी तो यूक्रेन में सैनिक भेजेंगे
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले महीने कहा था कि अगर यूक्रेन ने मदद मांगी तो वे अपने सैनिकों को वहां भेज सकते हैं। इसके ठीक एक दिन बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने भी कहा था कि यूक्रेन अगर चाहे तो वह रूस पर हमला करने के लिए ब्रिटिश हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। रूस ने इन दोनों बयानों का विरोध किया था। इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने 28 मई को यूक्रेन को हथियार देने वाले देशों को चेतावनी दी थी। पुतिन ने दावा किया था कि यूक्रेन में पश्चिमी देशों के भाड़े के सैनिक लड़ रहे हैं और इन्हें सबसे ज्यादा फ्रांस भेज रहा है। इन भाड़े के सैनिकों की आड़ में वहां विशेषज्ञ भी मौजूद हैं, जो यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।

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