
जंगल से निकले ओरोपोचे वायरस ने उड़ाई नींद
वॉशिंगटन । अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि क्यूबा से लौटने वाले लोग ओरोपोचे वायरस से संक्रमित हुए हैं, जिसे स्लोथ फीवर भी कहा जाता है। अधिकारियों के अनुसार, ये एक ऐसा वायरस है, जिससे संक्रमित होने पर कोई इलाज नहीं है।
ये रहस्यमय वायरस कुछ समय पहले तक मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका में अमेजन बेसिन तक सीमित था लेकिन आनुवंशिक परिवर्तनों के बाद अब अमेरिका के आसपास और यूरोप में भी फैल रहा है। खासतौर से 2023 के अंत से इस वायरस ने तेजी से फैलना शुरू किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल यानी 2024 के पहले सात महीनों के दौरान पांच देशों में इस बीमारी के 8,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस वायरस को हाल ही में ब्राजील में दो महिलाओं की मौत की वजह भी माना गया है। कीड़ों के काटने से फैलने वाले ओरोपोचे के मामलों में तेजी के चलते यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अमेरिका में डॉक्टरों के लिए गाइडलाइन जारी की है। यूरोप में वायरस के पहले मामले जून और जुलाई 2024 में उन यात्रियों में पाए गए जो ब्राज़ील और क्यूबा की यात्रा के दौरान संक्रमित हुए थे।
ओरोपोचे दक्षिण अमेरिका के अमेजन क्षेत्र का एक वायरस है, जो कीड़ों के काटने से फैलता है। यह कई अलग-अलग कीड़ों के अलावा हाउलर बंदरों, मार्मोसेट और कई जानवरों में पाया जाता है। यह वायरस इंसानों में बुखार की वजह बनता है। ओरोपोचे तब फैलता है जब किसी व्यक्ति या जानवर को वायरस संक्रमित कीड़ा काट लेता है। ऐसा माना जाता है कि यह वायरस सबसे ज्यादा पिनहेड आकार की मिज प्रजाति क्यूलिकोइड्स पैराएन्सिस से फैलता है, जो अमेरिका में काफी पाए जाते हैं। इसके अलावा यह वायरस क्यूलेक्स क्विनक्यूफैसियाटस और ओक्लेरोटेटस सेराटस मच्छरों के काटने से भी फैल सकता है। 1955 में त्रिनिदाद और टोबैगो के वेगा डी ओरोपोचे में बुखार से पीड़ित 24 वर्षीय शख्स में इस वायरस को पाया गया था।
इसके बाद से इसे ओरोपोचे नाम दे दिया गया। इसके बाद से लगातार इस वायरस की वजह से ब्राजीलियाई अमेजन में लोग संक्रमित होते रहे हैं। 1980 के दशक से पनामा, पेरू और इक्वाडोर में इस वायरस का प्रकोप बढ़ गया। 2000 के बाद सेबोलीविया, कोलंबिया, इक्वाडोर और फ्रेंच गुयाना में भी इस वायरस के मामले दर्ज होने लगे। हालांकि इस वायरस के इंसान से इंसान में फैलने की पुष्टि अभी नहीं हुई है। ये वायरस जैसे ही शरीर के अंदर जाता है तो फिर खून के साथ तेजी से पूरे शरीर में फैल जाता है। यह विशेष रूप से मस्तिष्क और यकृत दोनों के भीतर जमा होता है। इस वायरस में आरएनए नाम का आनुवंशिक सामग्री का एक कतरा होता है जो एक सुरक्षात्मक प्रोटीन खोल के भीतर समाहित होता है।