दक्षिणपंथी गुट के लोगों ने बनाई योजना
लंदन । ब्रिटेन के कई प्रमुख शहरों में बीते एक हफ्ते से हिंसा का दौर जारी है। मुस्लिम और अप्रवासी इस हिंसा का निशाना बन रहे हैं। लगातार हो रही हिंसा के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया है कि दक्षिणपंथी गुट के लोग फेसबुक ग्रुप के द्वारा 11 और जगहों पर दंगे की योजना बना रहे हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए ये लोग फेसबुक ग्रुप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन लोगों ने बैलीमेना, न्यूकैसल, लिवरपूल, श्रेसबरी, सैलफोर्ड, टॉन्टन, बर्मिंघम, डोवर, बोर्नमाउथ और ग्लासगो में विरोध प्रदर्शन और हिंसा का प्लान बनाया है।
ब्रिटेन में हिंसा का क्रम बढ़ाते हुए इन लोगों की योजना नए अंग्रेजी फुटबॉल सत्र के शुरुआती गेमवीक पर अराजकता फैलाने की है। वे शहर के फ्लावर शो के दौरान श्रेसबरी को निशाना बनाने का भी प्लान बना रहे हैं। इसकी शुरुआत शुक्रवार शाम उत्तरी आयरलैंड के बैलीमेना में इकट्ठा होकर प्रदर्शन से होगी। इसके बाद शनिवार को प्रदर्शनकारियों का लक्ष्य लिवरपूल, श्रेसबरी और सैलफोर्ड में इकट्ठा होना है। इसके बाद टॉन्टन, बर्मिंघम और डोवर में तथा उसके अगले दिन बोर्नमाउथ में विरोध प्रदर्शन की योजना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लासगो में सेंट जॉर्ज स्क्वायर और बर्मिंघम में बुलरिंग जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर भी अधिक विरोध प्रदर्शन की योजना है। श्रेसबरी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन इंग्लिश बॉर्डर फ्रंट के सदस्यों का प्लान है। एक सूत्र ने बताया है कि अभी तक इस विरोध प्रदर्शन को सोशल मीडिया से दूर रखा गया है ताकि पुलिस को पता न चले और उन्हें लगे कि श्रेसबरी में कुछ नहीं होने वाला है। अगर वे अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब होते हैं, तब हिंसा का पैमाना बहुत बड़ा हो सकता है। माना जा रहा है कि करीब 250 गुंडों ने श्रेसबरी विरोध प्रदर्शन के लिए साइन अप किया है। इसमें न्यूकैसल और ओल्डहैम की फर्मों के गुंडे शामिल हैं। इस दौरान खासतौर से जातीय अल्पसंख्यक ब्रिटिशों और सरकारी मंत्रियों को निशाना बनाया जा सकता है।
ब्रिटेन के साउथपोर्ट में तीन बच्चों की हमले में मौत के बाद भड़की हिंसा में बीते एक हफ्ते से देश के कई शहर जल रहे हैं। इस हमले के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अफवाहें फैली थी कि हमलावर एक विदेशी मुस्लिम है। इसके बाद दक्षिणपंथी गुट मुस्लिमों और अप्रवासियों को निशाना बना रहे हैं। हालांकि इस वारदात का संदिग्ध कोई मुस्लिम या अप्रवासी नहीं बल्कि 17 वर्षीय एक्सेल रुदाकुबाना है, जो ब्रिटेन का ही रहने वाला है। इस बावजूद विरोधी प्रदर्शन और हिंसा का दौर जारी है।