इजरायल-हमास संघर्ष में हिज्बुल्लाह का बर्बादी की ओर बढ़ता रास्ता, इजराइल की स्थिति मजबूत
*बैरूत**: इजरायल और हमास के बीच शुरू हुआ यह संघर्ष अब एक साल का हो गया है, लेकिन इस दौरान सबसे अधिक नुकसान हिज्बुल्लाह को झेलना पड़ा है। पिछले 10 दिनों में, इजरायल ने हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के खिलाफ अपनी आक्रामकता को बढ़ाते हुए उन्हें गंभीर नुकसान पहुँचाया है। इजरायली रक्षा मंत्री यॉव गैलेंट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “अब ग्रेविटी का केंद्र उत्तर की ओर बढ़ रहा है,” और इजरायल इसी दिशा में अपने संसाधनों और ऊर्जा को केंद्रित कर रहा है।
लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन “नॉदर्न एरोज” में अब तक 585 लेबनानियों की जान जा चुकी है। इस लड़ाई का मूल इजरायल-हमास का विवाद था, लेकिन हिज्बुल्लाह की सक्रियता ने इसे और जटिल बना दिया है।
**हिज्बुल्लाह की भागीदारी का कारण**: 7 अक्टूबर 2023 को, जब हमास ने इजरायल पर अपना सबसे घातक हमला किया, तब हिज्बुल्लाह को एक अवसर नजर आया। संगठन के नेता हसन नसरल्लाह ने नवंबर में हमास के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें इजरायल को पराजित करने की रणनीति तैयार की गई। इसके बाद से, हिज्बुल्लाह ने इजरायल के सीमाओं पर लगातार फायरिंग की है, जिससे दोनों पक्षों में विस्थापन की स्थिति उत्पन्न हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, उत्तरी इजरायल में लड़ाई के कारण 70,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि लेबनान से 110,000 से अधिक लोग भाग निकले हैं।
**तनाव बढ़ने के कारण**: 27 जुलाई को गोलान हाइट्स में रॉकेट हमले में 12 बच्चों और युवाओं की मौत के बाद तनाव और बढ़ गया। इजरायल ने इस हमले के लिए हिज्बुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में, 30 जुलाई को, इजरायली रक्षा बलों ने बेरूत के दक्षिणी इलाके में एक हवाई हमले में हिज्बुल्लाह के सीनियर कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया। अगले दिन, तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानियेह की हत्या कर दी गई।
**हिज्बुल्लाह के लिए कठिनाई का समय**: 25 अगस्त को इजरायली सेना ने जेट विमानों से हिज्बुल्लाह पर फिर से हमला किया, यह दावा करते हुए कि हिज्बुल्लाह फुआद शुकर की हत्या के प्रतिशोध में हमले की तैयारी कर रहा था। 20 सितंबर को हिज्बुल्लाह को एक और बड़ा झटका लगा, जब इजरायली एयर स्ट्राइक में उसके 16 शीर्ष कमांडर मारे गए, जिसमें इब्राहिम अकील अहमद वहाबी जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।
इस प्रकार, इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच बढ़ती तनाव और संघर्ष ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है, बल्कि भविष्य में गंभीर परिणामों का संकेत भी दिया है।