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बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या, उनके घरों में लूट और मंदिरों में लगाई जा रही है आग

ढाका । बांग्लादेश में अराजकता चरम पर है। यहां उपद्रवी न सेना की सुन रहे हैं और न ही किसी सरकारी अधिकारी की। वे सिर्फ हिंदुओं को टारगेट कर उनकी हत्या कर रहे हैं और उनके घरों में आग लगा रहे हैं। अब देश के 39 जिलों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के बांग्लादेश चैप्टर के अनुसार बांग्लादेश में पिछले 24 घंटों में 39 जिलों के हिंदुओं को टारगेट कर उनकी हत्या की गई है। उनके घरं और मंदिरों में न केवल तोड़फोड़ और लूटपाट की गई, बल्कि उनमें आग भी लगा दी गई, उनके घरों से महिलाओं लड़कियों को जबरन उठा लिया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि इन हमलों में हिंदू नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। वह जान बचाने के लिए इधर से उधर भागते फिर रहे हैं।
बांग्लादेश में पिछले कई महीने से लागातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था, लेकिन सोमवार, 4 अगस्त को मामला काफी बिगड़ गया जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे कर देश छोड़ दिया। उग्रवादियों ने संसद और प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा जमा लिया और लूटपाट किया। लेकिन, हसीना सरकार के जाने के बाद जिसे ज्यादा नुकासान उठाना पड़ा वह बांग्लादेशी हिंदुओं को। शेख हसीना के देश छोड़कर भाग जाने के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाओं में रातों-रात 100 और लोगों की हत्या कर दी गई। राजनीति से जुड़े हिंदू नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है और वह अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।
वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के बांग्लादेश चैप्टर के मुताबिक ताजा हिंसा में अब तक 39 जिलों में हिंदू नेताओ की हत्या की गई है। रंगपुर में दो हिंदू काउंसलर की हत्या। अवामी लीग से जुड़े हराधन राय की हत्या। काउंसलर काजल रॉय की हत्या। और शेरपुर में श्रीबर्दी उपजिला यूथ काउंसिल के अध्यक्ष के घर पर हमला, तोड़फोड़ और लूट की गई। खुलना में कई हिंदुओ और नेताओ के घर पर हमला और तोड़फोड़ कर सामान लूट ले गए। हमलावरों ने फेनी में बासपारा दुर्गा मंदिर में लूटपाट कर आग लगा दी और पांच हिंदू दुकानों में भी लूटपाट की और आग लगा दी। दिनाजपुर में फुलथाला हिंदू श्मशान घाट पर कब्जा कर लिया जबकि परबातीपुर का काली मंदिर समेत पांच मंदिरों में तोड़फोड़ कर दी। उपद्रवियों ने लक्ष्मीपुर में व्यावसायिक दीपक शाह के घर और दफ्तर पर हमला बोल दिया। ऐसी ही घटना अग्रपुर गांव के नकुल कुमार और सुहसंता चक्रबर्ती के साथ हुई। ऐसी एक नहीं सैकड़ों घटनाएं हैं।

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