
जर्मनी – जर्मनी में पालतू कुत्तों पर टैक्स लगाने की अनोखी प्रणाली है, जिससे देश की नगरपालिकाओं को बड़ी आमदनी होती है। सालाना टैक्स संग्रह से लगभग 3866 करोड़ रुपये (भारतीय मुद्रा में) की कमाई होती है। जर्मनी में कुत्ते पालने के शौकीनों को अपने पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है, और टैक्स की दर कुत्तों की ब्रीड और संख्या के आधार पर भिन्न होती है।
अलग-अलग देशों में भी लागू हैं ऐसे नियम
ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन और टैक्स का प्रावधान है। नीदरलैंड में हर नगरपालिका अपने-अपने क्षेत्र के हिसाब से अलग टैक्स दरें निर्धारित करती है। भारत में भी जनवरी 2023 में पालतू जानवरों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया गया था, लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है।
कैसे होता है कुत्तों का रजिस्ट्रेशन और टैक्स का भुगतान
जर्मनी में कुत्ता गोद लेना या खरीदना एक नियोजित प्रक्रिया है। लोग स्थानीय ब्रीडर्स से कुत्ते लेते हैं या कभी-कभी विदेश से भी गोद लाकर पालतू बनाते हैं, जिसके लिए जरूरी कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है। हर कुत्ते का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है, जो आमतौर पर नगर पालिका के कार्यालय या टाउन हॉल में होता है। कई नगरपालिकाएं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी देती हैं।
ब्रीड और संख्या के आधार पर अलग-अलग टैक्स
इस टैक्स की दरें कुत्ते की ब्रीड और घर में कुत्तों की संख्या के अनुसार तय होती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ ब्रीड्स पर अधिक टैक्स लिया जाता है। यदि कुत्ता जन्म लेता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन तीन महीने के भीतर कराना अनिवार्य है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पालतू बिल्लियों पर यह टैक्स लागू नहीं होता।
टैक्स का उपयोग और सार्वजनिक सफाई का प्रबंधन
नगर पालिकाएं कुत्तों पर लगे टैक्स से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल केवल पालतू जानवरों से संबंधित सेवाओं पर ही नहीं, बल्कि सामुदायिक सेवाओं और अन्य मदों में भी करती हैं। कुत्तों को नियमित रूप से बाहर घुमाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है, और वे अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर मल त्यागते हैं। ऐसे में, कुत्तों के मालिकों को मल साफ करने के लिए विशेष थैलियों का उपयोग करना होता है और उसे पार्कों, नदी किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगे विशेष कूड़ेदानों में डालना अनिवार्य है।
नियमों का पालन अनिवार्य
यदि कुत्ता खो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो इसकी जानकारी नगर पालिका को देना जरूरी है। इस तरह, जर्मनी की पालतू कर प्रणाली न केवल टैक्स से आय बढ़ाती है, बल्कि सार्वजनिक सफाई और व्यवस्था को भी सुनिश्चित करती है।





