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मकड़ी ने काटा, आंखों से बहने लगा खून तेज बुखार के साथ मौत

मैड्रिड । मकड़ी के काटने से भी मौत हो सकती है ऐसा शायद ही कभी किसी ने सुना हो,लेकिन स्पेन में इस तरह की घटना सामने आई है। जहां एक 73 साल के बुजुर्ग की मकड़ी के काटने से मौत हो गई। पहले आंखे लाल हुई फिर बुखार आया और अस्पताल ले जाते ही उनकी मौत हो गई।रिपोर्ट के मुताबिक, स्‍पेन के टोलेडो में रहने वाले 74 साल का एक शख्‍स घर के अंदर बैठा हुआ था। ठीक उसी वक्‍त उसे टिक ने काट ल‍िया। टिक हमारे यहां मकड़ी की तरह का ही एक जीव है। इसके बाद उस शख्‍स को बेचैनी होने लगी। कुछ ही देर बाद आंखें लाल हो गईं। खून बहने लगा। पर‍िवार और दोस्‍तों ने उन्‍हें जुआन कार्लोस हॉस्‍प‍िटल में एडमिट कराया। डॉक्‍टरों ने जांच की तो पता चला क‍ि मकड़ी के काटने से वे एक दुर्लभ बीमारी का श‍िकार हो गए हैं। इसे क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार के नाम से जानते हैं। यह इबोला जैसा खतरनाक रोग है, जिसमें 40 फीसदी तक मरीजों की मौत हो जाती है। अब तक इस बीमारी का कोई टीका नहीं बन पाया। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने इसे बेहद खतरनाक वायरस की सूची में ल‍िस्‍ट क‍िया है। स्‍पेन में मई 2020 के बाद इस बीमारी से मरने वाला यह पहला शख्‍स है।
इस वायरस के ज्‍यादातर मामले बुल्गारिया में सामने आए हैं। 1950 में पहली बार इसका संक्रमण देखा गया था। अब तक ब्रिटेन, ग्रीस, स्पेन और अल्बानिया में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। अगर यह वायरस शरीर में आ जाए तो बुखार से शुरुआत होती है। फ‍िर मांसपेश‍ियों में दर्द होने लगता है। पेट में दर्द, गले में खरास और उल्‍टी होने लगती है। मूड में उतार-चढ़ाव और भ्रम के साथ-साथ नींद भी खूब आती है। नाक, आंखों या त्‍वचा से खून आने लगता है। यह वायरस मकड़ी के काटने से फैलता है, इसल‍िए अगर इसका मरीज कहीं पर भी हो तो लोगों तक संक्रमण पहुंचा सकता है।

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