बांग्लादेश: दुर्गा पूजा की तैयारी में बाधा, हिंदू मंदिरों पर हमला और 5 लाख की रंगदारी की मांग
**ढाका**। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को धार्मिक गतिविधियों से रोकने और डराने-धमकाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। नवरात्रि और दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच इस्लामी कट्टरपंथी समूहों द्वारा मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं, मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है और पूजा समितियों को धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं। इन पत्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि दुर्गा पूजा करनी है तो 5 लाख बांग्लादेशी टका देने होंगे, अन्यथा पूजा आयोजन नहीं करने दिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, कई पूजा समितियों को धमकियां मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि अगर मांगी गई रकम नहीं दी गई, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। 22 सितंबर को लक्ष्मीगंज जिले के रायपुर इलाके में मदरसे के कुछ छात्रों ने दुर्गा प्रतिमाओं को तोड़ दिया, जबकि बरगुना जिले के एक मंदिर में भी ऐसी ही तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं।
इस घटनाक्रम के बाद हिंदू समुदाय ने चटगांव और खुलना जिलों में स्थानीय अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने इस मुद्दे पर आवाज उठाते हुए अंतरिम सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिषद ने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए 6 सदस्यीय एक विशेष निगरानी समिति भी गठित की है, जो इस तरह की घटनाओं पर नजर रखेगी और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
सतखीरा जिले के हिंदू नेता विवेकानंद रे ने बताया, “कुछ कट्टरपंथियों ने दुर्गा जी की प्रतिमाओं और पंडालों में तोड़फोड़ की है। हम दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन इस साल ऐसा लग रहा है कि हमें सबसे बड़े त्योहार को मनाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है और पुलिस कोई सहयोग नहीं कर रही है।”
चटगांव जिले के सनातन विद्यार्थी संसद के अध्यक्ष कुशल चक्रवर्ती ने भी स्थानीय चैनल से बातचीत के दौरान कहा, “हमारे मन में डर है। फरीदपुर, खुलना और कई अन्य जगहों पर भी प्रतिमाओं को तोड़ा गया है। हम दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
इस मामले में बांग्लादेश सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हिंदू समुदाय का कहना है कि सरकार के ठोस कदम न उठाने से कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हैं और इससे आने वाले त्योहार के आयोजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा मूर्तियों को तोड़ने और रंगदारी मांगने जैसी घटनाओं ने नवरात्रि और दुर्गा पूजा के पर्व को लेकर हिंदू समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब बांग्लादेश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।