
**जिनेवा:** संयुक्त राष्ट्र संघ की पांच एजेंसियों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन 2024’ में वैश्विक खाद्य सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति का खुलासा हुआ है।
**रिपोर्ट की मुख्य बातें:**
– **खाली पेट सोने वाले लोग:** दुनिया में हर 11 में से 1 व्यक्ति खाली पेट सोने के लिए मजबूर है। कुल 73.3 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है।
– **कुपोषण:** पिछले 5 वर्षों में 233 करोड़ लोग कुपोषण का शिकार हुए हैं। 2019 में यह संख्या मात्र 15.2 करोड़ थी।
– **गंभीर खाद्य असुरक्षा:** दुनिया के 86.4 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं।
– **अफ्रीका की स्थिति:** अफ्रीका में हर पांचवा व्यक्ति भुखमरी का शिकार है, जो सबसे खराब स्थिति है।
**कोविड-19 का प्रभाव:**
कोविड-19 महामारी के पहले जो स्थिति थी, उससे भी भयावह स्थिति 2024 में हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2008-09 की तुलना में कुपोषण के मामले में हालात और भी खराब हो गए हैं।
**खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता:**
दुनिया की नामी गिरामी कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों में से 90% उत्पाद कुपोषण को बढ़ावा दे रहे हैं। विशेष रूप से पैकेज्ड फूड के उत्पाद कुपोषण को बढ़ा रहे हैं।
**संघर्ष की स्थिति:**
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 233 करोड़ आबादी को पर्याप्त भोजन प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से संघर्ष करना पड़ रहा है।
**वैश्विक चिंता:**
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट ने दुनिया के देशों के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय प्रस्तुत किया है। पिछले 15 वर्षों में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति में सुधार होना चाहिए था, लेकिन यह और भी खराब हो गई है।
यह रिपोर्ट वैश्विक नेताओं और नीति निर्माताओं को इस दिशा में सार्थक कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगी ताकि दुनिया की आबादी को कुपोषण और भुखमरी से बचाया जा सके।