मणिपुर वीडियो कांड को लेकर बरपा हंगामा, लोकसभा सोमवार तक स्थगित

नई दिल्ली । लोकसभा में आज भी मणिपुर वीडियो कांड को लेकर गहमागहमी रही। विपक्ष इस पर चर्चा करवाने को लेकर अड़ा रहा। आखिरकार लोकसभा को स्थगित करनी पड़ी। जानकारी के अनुसार मणिपुर पर तुरंत चर्चा करवाने की मांग को लेकर मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को भी लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा। लोकसभा की अगली बैठक अब सोमवार 24 जुलाई को सुबह 11 बजे होगी।
मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर सदन के अंदर विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी करने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा को तैयार है लेकिन कुछ राजनीतिक दल अनावश्यक रूप से ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं ताकि मणिपुर पर सदन में चर्चा न हो।
राजनाथ सिंह ने सदन में विपक्षी दलों के हंगामे के बीच खड़े होकर कहा कि मणिपुर की घटना की गंभीरता को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही यह कहा है कि मणिपुर में जो हुआ उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने घटना पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है। सरकार मणिपुर पर संसद में चर्चा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने स्वयं यह सर्वदलीय बैठक में भी कहा था और आज इसे संसद में भी दोहराते हैं कि हम मणिपुर पर सदन में चर्चा चाहते हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दल अनावश्यक रूप से ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं ताकि मणिपुर पर सदन में चर्चा न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने गंभीर मुद्दे पर भी विपक्ष गंभीर नहीं है, वह अपील करेंगे कि विपक्ष इसे गंभीरता से लें। वहीं कांग्रेस, डीएमके और अन्य विपक्षी पार्टियों के हंगामे से नाराज लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा कि अभी उन्होंने स्थगन प्रस्तावों पर कोई व्यवस्था नहीं दी है। सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन अभी प्रश्नकाल चलने दें।
इसके बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री के बयान और मणिपुर पर चर्चा की मांग वाले बैनर लहराते हुए वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। सत्तापक्ष की तरफ से बंगाल से भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार और दिलीप घोष सहित कई अन्य सांसदों ने अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर बंगाल हिंसा को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा और नारेबाजी होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।