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पटवारी नहीं रहते मुख्यालय पर, किसान हो रहे परेशान

लंबे समय से एक ही हल्के में तैनाती के कारण मनमानी पर उतारू*

**महाराजपुर**// महाराजपुर तहसील क्षेत्र के लगभग 50 गांवों की देखरेख की जिम्मेदारी आरआई और पटवारियों पर है, लेकिन ये अधिकारी मुख्यालय पर निवास न करके जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर रह रहे हैं। इससे किसानों के कामों में रुचि न दिखाने का आरोप भी इन पर लग रहा है। कुछ पटवारी महाराजपुर और गढ़ीमलहरा में कमरा लेकर अपने हेल्परों के जरिए काम निपटा रहे हैं। इनका क्षेत्र में जाना बेहद कम होता है, जिससे किसानों को अपने कामों के लिए परेशान होना पड़ता है और उन्हें पटवारियों के हेल्परों से मिलकर काम करवाना पड़ता है। वर्षों से एक ही हल्के में तैनात होने के कारण पटवारी मनमानी पर उतारू हैं और अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। किसान नामांतरण, बंटवारा और अन्य कार्यों के लिए पटवारी को खोजते हुए तहसील के चक्कर लगाते रहते हैं। पटवारी से संपर्क न हो पाने पर वे निराश होकर घर लौट जाते हैं। कुछ दिन पहले टटम गांव के किसानों ने सीमांकन गलत होने पर पटवारी की शिकायत तहसीलदार से की थी और एक पटवारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था। बावजूद इसके, अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न होने से पटवारियों के हौसले बुलंद हैं और वे अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं।

**शासकीय जमीनों पर कब्जा, शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई**

तहसील क्षेत्र के गांवों में शासकीय जमीनों पर दबंगों का कब्जा हो चुका है और पटवारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि अगर वे अतिक्रमण की शिकायत करते हैं, तो उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अतिक्रमणकारी पटवारी से मिलकर उनकी शिकायतों को दबवा देते हैं। गांवों में चरनोई की जमीन न बचने के कारण आवारा पशु सड़कों पर घूमते नजर आते हैं, जिससे राहगीर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद पटवारी अपने कार्यों से बचने की कोशिश कर रहे हैं और मनमानी पर उतारू हैं। शिवसेना नेता उमाशंकर कुशवाहा ने कहा कि वे जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन देकर वर्षों से एक ही हल्के में तैनात पटवारियों के तबादले की मांग करेंगे और लापरवाह पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। साथ ही, मुख्यालय पर पटवारियों के निवास सुनिश्चित करने की भी अपील करेंगे।

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