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पटना: चिराग पासवान की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बीजेपी ने पशुपति पारस को सक्रिय किया

पटना । केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वक्फ बिल और सरकारी नौकरी में लैटरल एंट्री के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति कोटा में सब कैटिगरी और क्रीमी लेयर को चिन्हित करने के फैसले का भी उन्होंने विरोध किया। इन बयानों से बीजेपी स्पष्ट रूप से असहज नजर आ रही है।

बीजेपी चिराग पासवान पर काबू पाने के लिए उनके चाचा, पशुपति पारस, को राजनीतिक रूप से सक्रिय करने की योजना बना रही है। पशुपति पारस का कद बढ़ाकर बीजेपी संदेश देना चाहती है कि चिराग पासवान केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों में अधिक दखलअंदाजी न करें।

पशुपति पारस, जो हाल ही में राजनीति में हाशिए पर थे, को जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल या महत्वपूर्ण केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी और चिराग पासवान पर नियंत्रण रखना आसान हो सकेगा।

हाल ही में, पशुपति पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी, जिससे यह संकेत मिला है कि उन्हें जल्द ही कोई महत्वपूर्ण पद सौंपा जा सकता है। यह कदम बीजेपी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे पार्टी को चिराग पासवान के प्रभाव को सीमित करने में मदद मिलेगी।

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