
जिले के 40 जलाशय पूरी तरह सूखे
* ग्रामीण क्षेत्रों में भी भू-जल स्तर गिर रहा तेजी से
कोरबा । कोरबा जिले में अब लोगों को मानसून का इंतजार हैं। यह पहली बार हो रहा है कि क्षेत्र में प्री-मानसून बारिश भी नहीं हुई। जिसके कारण हसदेव बांगो बांध का जलस्तर 348.15 मीटर पर आ गया है। पानी भराव 1231.90 मिलियन घन मीटर है, जो कुल भराव का 42.56 प्रतिशत है। पिछले साल इसी अवधि में बांध का जलस्तर 352.05 मीटर पर था। इस हिसाब से अबकी बार चार मीटर की कमी है। जिसके कारण 40 जलाशय इस बार सूख चुके हैं। भू-जल स्तर में भी लगातार गिरावट आने से लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
मानसून का सीजन जून से सितंबर तक चार महीने का माना जाता है, लेकिन पिछले पांच साल से मानसून के आने का समय हर साल बढ़ता जा रहा है। इसकी भरपाई प्री-मानसून बारिश से हो जाती थी, लेकिन इस बार एक जून से अब तक एक ही दिन शहर में बारिश हुई है। इसके बाद अलग-अलग क्षेत्रों में खंड बारिश हो रही है। इसका असर बांध और जलाशयों पर भी पड़ रहा है। बांगो बांध का जलस्तर तेजी से कम हुआ है। यह स्थिति वर्ष 2022 में भी आई थी। उस समय जलस्तर 349.88 मीटर पर पहुंच गया था। हालांकि पानी कम होने का असर खरीफ फसल की सिंचाई पर नहीं पड़ेगा। जिले में 40 जलाशय हैं, जो सब सूखने की कगार पर हैं। इनके भरने में ही 2 महीने का समय लग सकता है। इस वजह से धान की नर्सरी के लिए पानी नहीं मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर भी 30 मीटर से अधिक गिर चुका है। इसके कारण कई स्थानों में हैंडपंप और पंप भी बंद हो चुके हैं।
* रोज छा रहे बदल, तापमान में गिरावट, पर बारिश नहीं
रोजाना बादल छा रहे हैं। सोमवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री दर्ज किया गया। पहले तापमान 42 डिग्री के करीब पहुंच गया था। बदली के बाद भी बारिश नहीं हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार सप्ताह के अंत में अच्छी बारिश की संभावना है।
* हाइडल पावर प्लांट की एक यूनिट चालु
बांगो बांध के नीचे में हाइडल पावर प्लांट है, जहां 40-40 मेगावाट की 3 यूनिट है। इनमें से अभी एक ही यूनिट से 40 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। सिंचाई के लिए पानी की अभी जरूरत नहीं है। इसकी वजह से 2 यूनिट को बंद रखा गया हैं।
* किसान खुर्रा बोआई करने कर रहे बारिश का इंतजार
जिले के अलग-अलग क्षेत्र में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। करतला के साथ पोड़ी-उपरोड़ा क्षेत्र में किसान बोआई करने लगे हैं। हालांकि बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। अधिक समय तक बारिश नहीं होने पर बीज खराब होने का डर बना रहता है।