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मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच का जन जागरण आंदोलन: दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी

भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच द्वारा अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में शुरू किया गया प्रदेशव्यापी जन जागरण आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन में कर्मचारी नेता अशोक पांडे, जगदीश शर्मा, चांद सिंह, सिंह राजू, घनश्याम कटारे, राजाराम मौरे, लव प्रकाश पाराशर, भगवान दास बिल्लोरे, श्यामलाल विश्वकर्मा, के.के. कहार, बद्री गौर, शिवप्रसाद सांगुले, सत्येंद्र पांडे, प्रीतम मेहर सहित कई अन्य नेता शामिल हुए।

प्रमुख मांगें और आंदोलन का उद्देश्य

मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के पांच संवर्ग के अनियमित कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगों के समर्थन में किया जा रहा है। इनमें प्रमुख मांगे निम्नलिखित हैं:

1. स्थायी कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ देना।


2. वेतनमान संशोधन कर अकुशल स्थायी कर्मियों का वेतन ₹10,000, अर्धकुशल कर्मियों का ₹12,500 और कुशल कर्मियों का ₹15,000 करना।

3. स्थायी कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति और स्थानांतरण सुविधा का लाभ देना।

4. सेवानिवृत्ति और मृत्यु के मामले में ग्रेच्युटी राशि ₹10 लाख तक बढ़ाना।

5. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करना।

6. अंशकालीन कर्मचारियों और श्रमिकों का वेतन ₹10,000 प्रतिमाह करना।

7. प्रदेश के श्रमिकों का वेतन केंद्र सरकार के श्रमिकों के समान ₹20,000 प्रतिमाह करना।

8. समस्त अनियमित कर्मचारियों और श्रमिकों का ₹10 लाख का निःशुल्क बीमा

9. पेंशन और अवकाश वेतन जैसी सुविधाएं प्रदान करना।

राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पिछले 20 वर्षों से अनियमित और अंशकालीन कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। ज्ञापन सौंपने के बावजूद कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष व्याप्त है।

नेताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान सूचकांक के आधार पर वेतन नहीं दिया जा रहा है, दैनिक वेतन भोगियों को नियमित नहीं किया गया है और अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालिक दैनिक वेतन भोगी के रूप में मान्यता नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, बीमा, पेंशन, अवकाश और पीएफ जैसी सुविधाओं का लाभ भी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है।

अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी

नेताओं ने साफ किया कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन रूप दिया जाएगा। उन्होंने नौकरशाही पर कर्मचारियों के अधिकारों के हनन का भी आरोप लगाया।

आंदोलन का स्थान

दूसरे दिन आंदोलन मंत्रालय, वल्लभ भवन, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन में आयोजित किया गया।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के इस आंदोलन ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया है। यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।

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