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भारत का हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोग्राम: प्रलय और निर्भय मिसाइलें जल्द शामिल होंगी

नई दिल्ली । भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा रक्षा बलों के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों का विकास किया जा रहा है। इसके साथ ही, भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए लंबी दूरी की क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों, जैसे 2000 किलोमीटर रेंज की *निर्भय* और 400 किलोमीटर रेंज की *प्रलय* को जल्द ही बेड़े में शामिल किया जाएगा।

इंडियन आर्मी की आर्टिलरी रेजिमेंट के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए कुमार ने बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद से इन मिसाइलों की खरीद को मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही, आर्टिलरी के लिए स्वदेशी *पिनाका* रॉकेटों की रेंज बढ़ाकर 300 किलोमीटर तक करने की योजना पर भी काम हो रहा है।

#### हाइपरसोनिक मिसाइलें और उन्नत तकनीक

लेफ्टिनेंट जनरल ए कुमार ने कहा कि डीआरडीओ की ओर से हाइपरसोनिक मिसाइलों के डेवलपमेंट पर भी काम तेजी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की सीमा, सटीकता और घातकता को बढ़ाना है, ताकि भारत की मिसाइल प्रणाली और भी मजबूत हो सके।

उन्होंने बताया कि पिनाका रॉकेट सिस्टम को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विकसित किया गया है, जो भारतीय सेना के शस्त्रागार में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी कई रेजिमेंट्स को सेना में शामिल किया जा रहा है, जिससे भारतीय सेना की ताकत और मारक क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

#### गोला-बारूद में सुधार और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

सटीकता और मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए सेना लगातार उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा, “हम सेंसर फ्यूज्ड म्यूनिशन (SFM) और कोर्स करेक्टेबल फ्यूज (CCF) के विकास के लिए उद्योगों और शिक्षा संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।” इसके साथ ही, भारतीय सेना लोइटर म्यूनिशन, स्वार्म ड्रोन और रनवे इंडिपेंडेंट RPAS (रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को खरीदने पर जोर दे रही है।

#### खुफिया जानकारी और निगरानी में मजबूती

लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि युद्ध के मैदान में पारदर्शिता बढ़ाने और सटीक खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए निगरानी और खुफिया प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है।

#### अग्निवीरों की ट्रेनिंग में आधुनिक तकनीक का प्रयोग

अग्निवीरों की ट्रेनिंग के लिए सेना ने अत्याधुनिक प्रशिक्षण और प्रशासनिक बुनियादी ढांचे का विकास किया है। नई शारीरिक प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ, क्लासरूम में ऑडियो-विज़ुअल ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे युवा अग्निवीरों को उन्नत तकनीक से प्रशिक्षित किया जा सके।

इस तरह, भारतीय सेना लगातार अपने मिसाइल प्रोग्राम और आधुनिकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है, जिससे देश की रक्षा प्रणाली और भी सुदृढ़ हो सकेगी।

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