एम्स भोपाल फार्माकोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस समारोह: वैज्ञानिक सोच, औषधि सुरक्षा और अनुसंधान में उल्लेखनीय प्रगति

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल के फार्माकोलॉजी विभाग ने अपने स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। इस अवसर पर विभाग की औषधि सुरक्षा निगरानी (Pharmacovigilance), चिकित्सा उपकरण निगरानी (Materiovigilance), नुस्खा विश्लेषण (Prescription Audit) और औषधि उपयोग में विवेकपूर्ण निर्णय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम का आयोजन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में किया गया।
फार्माकोलॉजी विभाग की उपलब्धियाँ और वैज्ञानिक पहलें
कार्यक्रम में फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बालाकृष्णन एस. ने विभाग की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में विभाग ने SOPICON 2025 International Conference का सफल आयोजन किया, पहला Pharmacology Department Newsletter प्रकाशित किया गया और 30 से अधिक मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतियाँ दी गईं। विभाग ने जन-जागरूकता अभियानों, राष्ट्रीय फार्मक्विज़ प्रतियोगिता, और इंट्राम्यूरल प्रोजेक्ट्स के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सक्रियता दर्ज की है।
गौरवशाली सम्मान और पुरस्कार
फार्माकोलॉजी विभाग के डॉ. अजय शुक्ला और डॉ. अहमद नाजमी को उनके इंट्राम्यूरल शोध प्रोजेक्ट्स के लिए सम्मानित किया गया। प्रो. (डॉ.) शिल्पा कौर को एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में मौखिक प्रस्तुति के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। वहीं डॉ. ऋषिका को उनके पीएचडी थीसिस हेतु ICMR Award और डॉ. गोकुल को शोध परियोजना के लिए इंट्राम्यूरल ग्रांट मिला।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर एम्स भोपाल की पहचान
एम्स भोपाल की फैकल्टी प्रो. (डॉ.) रतींदर झाज को ISOP 2024 Conference Canada में इको-फार्माकोविजिलेंस पर व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया। साथ ही डॉ. शुभम अटल को Harvard Medical School, Boston में Precision Medicine in Depression विषय पर व्याख्यान के लिए आमंत्रण मिला, जो संस्थान की वैश्विक पहचान को दर्शाता है।
शैक्षणिक और शोध विस्तार की दिशा में प्रगति
विभाग ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें PhD स्कॉलर्स और DM Clinical Pharmacology कार्यक्रमों में नामांकन में वृद्धि हुई है। डॉ. बालाकृष्णन ने आगामी वर्ष के लिए और अधिक शोध परियोजनाओं, अकादमिक कार्यक्रमों और सार्वजनिक सहभागिता को प्राथमिकता देने की बात कही।
मुख्य वक्ता डॉ. विक्रम गोटा का व्याख्यान
समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में टाटा मेमोरियल सेंटर के प्रो. डॉ. विक्रम गोटा ने Clinical Pharmacologists in Cancer Care विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कैसे क्लीनिकल फार्माकोलॉजिस्ट कैंसर उपचार में दवाओं के वैज्ञानिक और प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित कर रहे हैं। व्याख्यान के पश्चात अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया।
वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करता आयोजन
इस अवसर पर एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा, “ऐसे कार्यक्रम हमारे युवा चिकित्सा छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करते हैं और विवेकपूर्ण औषधि निर्धारण को बढ़ावा देते हैं। फार्माकोलॉजिस्ट की भूमिका मरीजों की सुरक्षा और प्रभावशाली उपचार के लिए अत्यंत आवश्यक है।”