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भोपाल EOW की बड़ी कार्रवाई: पूर्व सैनिक कल्याण समिति में करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश करते हुए पूर्व सैनिक नीरज चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया है। नीरज चतुर्वेदी मध्यप्रदेश भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति, भोपाल में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ थे और उन्होंने वर्ष 2013 से 2019 के बीच करीब 3 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया।

करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला

EOW की जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई फर्जी बैंक खाते खोले, फर्जी बिल लगाए और सरकारी फंड को निजी खर्चों में इस्तेमाल किया। आरोपी ने संस्था के बैंक खाते से स्वयं के निजी खाते में ₹2.95 करोड़ से अधिक की राशि स्थानांतरित की।

कर्मचारियों की ईपीएफ, ईएसआईसी फंड में अनियमितताएं

नीरज चतुर्वेदी ने जानबूझकर कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआईसी योगदान की राशि को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और उसमें से बड़ी राशि का निजी लाभ के लिए गबन किया।

सरकारी धन से निजी फ्लैट का इंटीरियर

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने अपने भोपाल स्थित निजी फ्लैट के इंटीरियर और फर्नीचर पर समिति के खाते से ₹16.25 लाख खर्च किए, जो पूरी तरह से अवैध था।

सतर्क नागरिक की शिकायत से हुआ खुलासा

इस घोटाले का खुलासा भोपाल निवासी नरेन्द्र रायकवार द्वारा की गई एक शिकायत के आधार पर हुआ। शिकायत के बाद EOW ने गहराई से जांच की जिसमें बैंक रिकॉर्ड, कैशबुक, ऑडिट रिपोर्ट, बिल, नोटशीट, बैंक स्टेटमेंट, चेक और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की गई। फॉरेंसिक ऑडिट से यह प्रमाणित हुआ कि आरोपी ने लम्बे समय तक सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

जांच के बाद EOW ने आरोपी नीरज चतुर्वेदी के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वास हनन), 120-B (षड्यंत्र), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धाराओं 7(c) और 13(1)(a) के तहत प्रकरण क्रमांक 16/2020 में गिरफ्तार किया है।

दस्तावेज जब्त, अन्य गिरफ्तारियों की संभावना

EOW ने आरोपी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। संभावना है कि इस आर्थिक अनियमितता में अन्य लोगों की भूमिका भी उजागर हो सकती है और आगामी समय में और गिरफ्तारियाँ की जा सकती हैं।

निष्कर्ष:
पूर्व सैनिकों के नाम पर बने कल्याण कोष का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करना, न केवल एक गंभीर वित्तीय अपराध है, बल्कि यह सैनिकों की सेवा और त्याग का भी अपमान है। EOW की सक्रियता और विवेकपूर्ण जांच इस दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।

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