निरोगी काया अभियान: मंत्रालय में 521 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने करवाया स्वास्थ्य परीक्षण

भोपाल । असंचारी रोगों (Non-Communicable Diseases – NCDs) की समय पर पहचान और रोकथाम के उद्देश्य से मंत्रालय में आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर में 521 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। यह शिविर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, भोपाल के संयुक्त प्रयास से 20 फरवरी से 31 मार्च तक चलाए जा रहे निरोगी काया अभियान के तहत आयोजित किया गया था।
स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस
शिविर में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्तन कैंसर, मुंह के कैंसर और सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियों की जांच की गई। अधिकारियों और कर्मचारियों ने जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य परीक्षण की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय भागीदारी दी।
317 लोगों की लीवर जांच फाइब्रोस्कैन मशीन से की गई
असंचारी रोगों की 521 लोगों की स्क्रीनिंग
148 महिलाओं और 373 पुरुषों का स्वास्थ्य परीक्षण
424 लोगों के पैथोलॉजी सैंपल लिए गए
146 लोगों की ओरल कैंसर स्क्रीनिंग – किसी में भी लक्षण नहीं मिले
स्वास्थ्य शिविर में अधिकारियों की अहम भूमिका
इस अभियान का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक सलोनी सिडाना और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी के मार्गदर्शन में हुआ। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे के निर्देशन में आयोजित इस शिविर में अपर सचिव शैलबाला मार्टिन, अवर सचिव मनोज श्रीवास्तव और श्री धुर्वे का विशेष योगदान रहा।
शिविर में डॉ. अंकित शर्मा, डॉ. रोहित श्रीवास्तव, डॉ. शिवांगी दीक्षित और डॉ. दीप्ति हुराडे द्वारा स्वास्थ्य जांच की गई, जबकि समन्वय जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज हुरमाड़े और जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनीता दुगाया ने किया।
निरोगी काया अभियान: 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए विशेष पहल
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, असंचारी रोगों की जांच नियमित रूप से कराना जरूरी है, ताकि बीमारी का शुरुआती चरण में ही पता लग सके और समय पर इलाज हो सके।
निरोगी काया अभियान के तहत इन बीमारियों की निःशुल्क स्क्रीनिंग की जा रही है:
डायबिटीज (मधुमेह)
ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज
ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर
यह जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पतालों और जिला अस्पतालों में निःशुल्क की जा रही है।