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उमा के ओबीसी महिलाओं को लेकर बगावती स्वर

ओबीसी नेताओं के साथ 23 सितंबर को करेंगी भोपाल में बड़ी बैठक

भोपाल । पार्टी में उपेक्षा नाराज भारतीय जनता पार्टी की फायर ब्रांड नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तमाम मुद्दों को लेकर मोदी और शिवराज सरकार की घेराबंदी करती रही हंै। इस बार वे मोदी सरकार के लोकसभा-राज्यसभा में पारित महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण बिल में पिछड़े वर्ग (ओबीसी) महिलाओं के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं होने से नाराज हैं। ओबीसी मसले पर खुले तौर अपना विरोध जताते हुए उमा भारती ने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर कल 23 सितंबर को भोपाल मेंं ओबीसी नेताओं की एक बड़ी बैठक बुलाने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि इस मसले पर उमा भारती आगे पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।

उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा है कि लोकसभा-राज्यसभा में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। 27 साल पहले यह विधेयक सर्वानुमति से पारित होने के लिए प्रस्तुत हुआ था। तब हमारी पार्टी भाजपा, कांग्रेस एवं वामपंथी एकमत थे और यह विधेयक ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण की दलील पर स्टैंडिंग कमेटी की सहमति को भेजा गया था। कल तक यह 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल लंबित रहा। लेकिन जिस ओबीसी आरक्षण के वजह से यह विधेयक अब तक रुका रहा, उसके बिना ही यह पारित हो गया। उन्होंने लिखा है कि अब यदि महिला आरक्षण बिल में पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं को स्थान दिलाना है और एक और संशोधन का मार्ग निकालना है, तो इसके लिए पार्टी मर्यादा में रहकर हमेें आगे आना होगा। उन्होंने लिखा है कि यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं, तो देश की 60 प्रतिशत आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है।

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