Madhya Pradesh

आज सहयोग का समय है प्रतिस्पर्धा का नहीं : प्रो सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में 6 आइकेन इंटरनेशनल कांफ्रेंस सम्पन्न

भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ केजी सुरेश ने 6 आइकेन इंटरनेशनल कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज सहयोग का समय है, प्रतिस्पर्धा का नहीं । उन्होंने कहा कि मीडिया और पारंपरिक मीडिया प्लेटफार्मों पर फर्जी सामग्री, फर्जी खबरों, आख्यानों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही समाधान है।

प्रो सुरेश ने कहा कि देश के हर नागरिक को मीडिया साक्षर बनाया जाना चाहिए, क्योंकि पांच साल की उम्र से लेकर 95 साल की उम्र तक वह मीडिया के संपर्क में आ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मीडिया साक्षरता पर एक मसौदा तैयार किया जाएगा। जिसके लिए शीघ्र ही एक मसौदा समिति का गठन किया जाएगा।

प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग और सहभागिता हो तभी हम अनुभव और ज्ञान साझा कर सकते हैं।

मीडिया साक्षरता पर पैनल चर्चा में जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी के डीन डॉ दिवाकर शुक्ला ने कहा कि फर्जी सामग्री का वायरल होना एक चुनौती है। मानव रचना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. किरण बाला ने कहा कि लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डॉक्टरों की सलाह मानकर खुद ही दवा और इलाज ले लेते हैं, जो कि बहुत घातक है।

अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. ज्योतिका रामप्रसाद ने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। डॉ. अंबरीश सक्सेना ने पत्रकारों और छात्रों को मीडिया साक्षरता और शिक्षा की आवश्यकता के बारे में बताया।

डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश के रणनीतिक सलाहकार प्रोफेसर
उज्ज्वल चौधरी ने कहा कि योग अब भारत के लिए सॉफ्ट पावर बन गया है । संस्कृति, पहचान और वैश्विक मीडिया: मिथक और वास्तविकता’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय और बॉलीवुड फिल्मों के विदेशों में बड़े पैमाने पर प्रशंसक हैं और इसने दुनिया भर में भारतीय प्रतिभा को बढ़ावा दिया है।

डॉ. बाला ने बताया कि आईकेन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अब तक 24 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सम्मेलन के दूसरे भाग में तीन समानांतर तकनीकी सत्रों में लगभग 45 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। कांफ्रेंस का संचालन गरिमा पटेल ने किया, जबकि अतिथियों का स्वागत कांफ्रेंस के संयोजक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी और मनस्वी माहेश्वरी ने आभार व्यक्त किया।

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