स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भूल गई सरकार

भोपाल। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मुद्दे पर सन 2003 में बनी सरकार अब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भूल चुकी है जबकि इसी सरकार ने सन् 2003 में अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सरकार बहाल करेंगी और नियमित करेंगी लेकिन 18 साल बाद भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमित नहीं किए गए है अब सरकार स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित मे बात भी नहीं कर रही है आज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सन 2003 में किया गया वादा याद दिलाया है तथा मांग करी है कि स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर नियमित नियुक्ति की घोषणा की जाए।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने सन 2000 में कर्मचारी विरोधी निर्णय लेकर प्रदेश के 28000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था तब वर्तमान सरकार के नेतृत्व ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से वादा किया था कि हम सरकार में आते ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बहाल भी करेंगे और नियमित भी करेंगे लेकिन सरकार के 18 साल के कार्यकाल होने के बावजूद भी स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमित नहीं किए गए हैं सरकार अब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सुध भी नहीं ले रही है अन्य संवर्ग के कर्मचारियों संविदा कर्मचारी रोजगार सहायक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के हित में बड़ी घोषणा कर चुकी है निर्णय ले चुकी है जनप्रतिनिधियों के भी वेतन बढ़ा रही है लेकिन स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित में अभी तक सरकार ने कोई घोषणा नहीं करी है।
चुनावी वर्ष होने के बाद भी सरकार स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की महापंचायत बुलाने का एलान नहीं किया है जिस कारण प्रदेश के 48000 स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने आज मुख्यमंत्री को स्मरण पत्र भेजकर सन 2003 में किया गया वादा याद दिलाया है तथा मांग करी है कि तत्काल स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भविष्य उज्जवल करने नियमित नियुक्ति देने सातवें वेतनमान का लाभ देने की घोषणा करी जाए।