NationalpoliticsState Election 2023

The absence of a strong opposition means that the system has significant flaws : कभी-कभार संसद में आते हैं और इवेंट बनाकर चले जाते हैं : खड़गे

The absence of a strong opposition means that the system has significant flaws. : राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोमवार को केंद्र सरकार पर एक मजबूत विपक्ष को केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल के जरिए कमजोर करने का आरोप लगाया और साथ ही यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि वह कभी-कभार संसद में आते हैं और जब आते भी हैं तो उसे इवेंट बनाकर चले जाते हैं। देश की संसदीय यात्रा के बारे में उच्च सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान किए गए विभिन्न कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने 70 सालों में लोकतंत्र को मजबूत किया और भारत को मजबूत बनाने की नींव डाली। प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए खरगे ने नेहरू की कार्यशैली का भी जिक्र किया और कहा कि एक तरफ वह जहां सभी को साथ लेकर चलते थे वहीं आज के प्रधानमंत्री हमारी छाया भी नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा, नेहरू जी प्रमुख मुद्दों पर सभी से बात करते थे। विपक्ष के साथियों से भी बात करते थे, सबकी राय लिया करते थे लेकिन आज होता क्या है? हमारी बात सुनने को कोई नहीं आता।
अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो वह ठीक नहीं
खडग़े ने कहा, नेहरू जी मानते थे कि मजबूत विपक्ष ना होने का अर्थ है कि व्यवस्था में महत्वपूर्ण खामियां हैं। अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो वह ठीक नहीं है। आज जबकि एक मजबूत विपक्ष है तो ध्यान इस बात पर है कि उसे श्वष्ठ (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो)…से कमजोर कैसे करना है…उन्हें साथ ले लेना (अपनी पार्टी में शामिल करना) और फिर वाशिंग मशीन में डालना…जब वे धुल जाते हैं तो उन्हें स्थायी बना लेना (अपनी पार्टी में)…। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नेहरू संसद में सभी की बातें ध्यान से सुनते थे लेकिन यहां तो प्रधानमंत्री आते ही नहीं। उन्होंने कहा, संसद में प्रधानमंत्री साहब कभी-कभार आते हैं और जब आते हैं तो इवेंट बनकर चले जाते हैं। मणिपुर में तीन महीने से दंगे हो रहे हैं, लोगों के घर जल रहे हैं…इसके बारे में एक बयान देने के लिए मांग की गई थी। वह भी नहीं। प्रधानमंत्री देश के कोने-कोने में जाते हैं लेकिन मणिपुर क्यों नहीं जाते? प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था। वहां के लोगों के दुख दर्द को देखना था। यह अच्छा नहीं है। (प्रधानमंत्री का मणिपुर ना जाना)।
नेहरू सभी को साथ लेकर चलते थे
खडग़े ने कहा कि नेहरू सभी को साथ लेकर चलते थे और उन्होंने अपनी पहली मंत्रिपरिषद में कांग्रेस के बाहर के और दूसरे विचारधारा वाले पांच योग्य लोगों को भी शामिल किया। उन्होंने कहा, नेहरू जी के बारे में भाजपा के लोग बहुत बोलते हैं, यह बोलना छोड़ दीजिए। वह 14 साल जेल में रहे, सब कुछ सहन कर देश की बुनियाद रखी। बड़े-बड़े कारखाने बनाकर और सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां देकर मजबूत बुनियाद डालने का काम किया और फिर देश आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तब राष्ट्र की बुनियाद रखने का काम हो रहा था और बुनियाद में जो पत्थर रखे जाते हैं तो वह दिखते नहीं हैं।

Related Articles

Back to top button