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Success of G-20 is success of 140 crore citizens of the country : ‎जिस भवन से ‎विदा ले रहें हैं उसमें भी देशवा‎सियों का पसीना और पैसा लगा है : मोदी

संसद का विशेष सत्र शुरू होने के बाद पीएम ने ‎दिया संबोधन, ऐ‎तिहा‎सिक यादों को ‎किया ताजा
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है ‎कि ‎जिस भवन से हम ‎विदा ले रहे हैं उसमें भी देशवा‎सियों का पसीना और पैसा लगा है। पीएम ने इस दौरान ऐ‎तिहा‎सिक पलों को भी याद ‎किया। बता दें ‎कि अमृतकाल को लेकर सरकार द्वारा आहूत किया गया संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हुआ। पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र में संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है। हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था। बाद में संसद भवन के रूप में पहचान मिली। मोदी ने कहा यह सही है कि इस इमारत के निर्माण करने का निर्णय विदेशी शासकों का था लेकिन यह कभी नहीं भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे।
पीएम मोदी ने कहा इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है। संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज आपने एक स्वर से जी-20 की सफलता की सराहना की है। मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है।
पीएम ने कहा ‎कि यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं। यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है। इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानि यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले पीएम ने कहा संसद का यह सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा है। यह ऐतिहासिक फैसलों का सत्र है। इस सत्र की एक खासियत यह है कि 75 साल की यात्रा एक से शुरू हो रही है नई मंजिल…अब नई जगह से सफर को आगे बढ़ाते हुए…हमें 2047 तक देश को विकसित देश बनाना है।
पीएम ने कहा ‎कि अब आने वाले समय के सभी फैसले नए संसद भवन में लिए जाएंगे। चंद्रमा मिशन की सफलता–चंद्रयान-3 ने हमारा तिरंगा फहरा दिया है, शिव शक्ति प्वाइंट प्रेरणा का नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है। जब ऐसी कोई उपलब्धि हासिल होती है तो दुनिया उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखती है। जब ये क्षमता दुनिया के सामने आती है तो कई अवसर और संभावनाएं भारत के दरवाजे पर दस्तक देती हैं। जी-20 में भारत इस बात के लिए हमेशा गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और जी-20 में सर्वसम्मति से डिक्लेरेशन ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत दे रही हैं।

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