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पर्यूषण पर्व के चतुर्थ दिवस पर अशोका गार्डन जिनालय में उत्तम शौच धर्म की आराधना

भोपाल। पर्यूषण पर्व के चौथे दिन अशोका गार्डन जिनालय में मुनि विश्व सूर्य सागर महाराज के सानिध्य में उत्तम शौच धर्म की आराधना की गई। श्रद्धालुओं ने श्री जी का अभिषेक, पूजा-अर्चना और विधान का आयोजन भक्ति भाव से किया।

**मुनि श्री का प्रवचन:**
मंदिर कमेटी के महामंत्री शरद अजमेरा ने बताया कि प्रतिदिन मुनि श्री विश्व सूर्य सागर जी द्वारा तत्वार्थ सूत्र पर आधारित सारगर्भित प्रवचन प्रस्तुत किए जा रहे हैं। आज के प्रवचन में मुनि श्री ने कहा कि जब तक हृदय रूपी बरतन में तीर्थंकरों की वाणी रूपी अमृत नहीं आएगा, तब तक कर्मों की कालिमा नहीं छूटेगी। उत्तम शौच धर्म प्राप्त करने के लिए केवल बाहरी शुचिता नहीं, बल्कि अंतर के भावों को भी निर्मल करना आवश्यक है। यही वास्तविक शौच धर्म है।

**सांयकालीन कार्यक्रम:**
सांय चार बजे से छह बजे तक मुनि श्री के द्वारा ढाला क्लास आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में समाजजन ने भाग लिया। शाम को भक्तों के लिए संगीतमय आरती का आयोजन किया गया, जिसने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया।

**सांस्कृतिक कार्यक्रम:**
रात्रि के समय महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में ग्रुप अंताक्षरी की शानदार प्रस्तुति हुई, जिसमें महिला वर्ग ने विशेष रूप से भाग लिया।

**भोजन की व्यवस्था:**
मंदिर समिति ने बाहर पढ़ाई करने आए विद्यार्थियों और कामकाजी महिलाओं एवं पुरुषों के लिए भोजन की व्यवस्था की है।

अशोका गार्डन जिनालय में पर्यूषण पर्व की यह गरिमा और धार्मिकता सभी श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव साबित हो रही है।

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