बाघ सुरक्षा में लगे श्रमिकों को नहीं मिल रहा वेतन, मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा ज्ञापन

भोपाल । मध्यप्रदेश के बाघ अभयारण्यों और वन क्षेत्रों में कार्यरत वन सुरक्षा श्रमिकों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इसी मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच वन विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को वन्य प्राणी शाखा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री शुभ रंजन सेन को वन भवन, भोपाल में जाकर ज्ञापन सौंपा।
वेतन नहीं, सुरक्षा उपकरण भी नहीं!
प्रांताध्यक्ष श्री अशोक पांडे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि बाघों की सुरक्षा जैसी संवेदनशील और जोखिमपूर्ण ड्यूटी में लगे इन श्रमिकों को न तो समय पर वेतन मिल रहा है और न ही विभाग की ओर से कोई सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाते हैं। इन श्रमिकों को न ही समय पर वेतन मिलता है और न ही जंगल में गश्त के दौरान जरूरी संसाधन। ऐसे में वे खुद को और बाघों को किस तरह सुरक्षित रखें?” – श्री अशोक पांडे
वेतन न मिलने से बिगड़ी आर्थिक स्थिति
विज्ञप्ति के अनुसार, वेतन न मिलने के कारण सुरक्षा श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई, घरेलू ज़रूरतें और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बुनियादी आवश्यकताएं प्रभावित हो रही हैं। यह स्थिति एक तरह से सुरक्षा श्रमिकों के मनोबल को भी प्रभावित कर रही है, जबकि वे प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने दिया आश्वासन
मुलाकात के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभ रंजन सेन ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और समस्याओं के त्वरित निराकरण का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग इस दिशा में आवश्यक प्रशासनिक प्रक्रियाओं को शीघ्रता से पूरा करने का प्रयास करेगा।