
भोपाल । 16 जून को गंगा दशहरा एक विशेष और दुर्लभ संयोग के साथ मनाया जाएगा, जो 100 साल में एक बार आता है। इस दिन चार शुभ योग बन रहे हैं: हस्त नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, और रवि योग।
गंगा दशहरा के चार शुभ योग
– हस्त नक्षत्र: शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण और लाभकारी।
– सर्वार्थ सिद्धि योग: सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला योग।
– अमृत सिद्धि योग: अमृत समान फल देने वाला।
– रवि योग: सूर्य के प्रभाव से ऊर्जा और सफलता का संयोग।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा को पवित्र गंगा नदी के धरती पर अवतरण का पर्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान, और पूजा का विशेष महत्व है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस बार, चार शुभ योगों के अद्भुत संयोग के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण
विशेषज्ञों के अनुसार, 16 जून को गंगा दशहरा के दौरान इन चार शुभ योगों का एक साथ बनना अत्यंत दुर्लभ है और यह संयोग अगले 100 सालों में नहीं आएगा। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और गंगा स्नान से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
16 जून को गंगा दशहरा के इस अद्वितीय संयोग का लाभ उठाएं और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होकर अपने जीवन को सुखमय बनाएं।