
शिक्षा फेल पास नहीं, लर्निंग बेस्ड होनी चाहिए: स्वामी धर्मबंधु
गुरु शिष्य परंपरा: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में” विशेष व्याख्यान
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में “गुरु शिष्य परंपरा: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। भरत मुनि शोधपीठ के तत्वावधान में द्रोणाचार्य कक्ष में गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर आयोजित इस व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने की। मुख्य वक्ता श्री वैदिक मिशन ट्रस्ट राजकोट, गुजरात के संस्थापक स्वामी धर्मबंधु थे।
विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि गुरु का मार्गदर्शन समाज के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हमें यह देखना होगा कि गुरु की भूमिका क्या है और क्या हम उसे निभा पा रहे हैं?” प्रो. सुरेश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गुरु की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि गुरु शिष्य परंपरा में विद्यार्थी के साथ संबंध सिर्फ पढ़ाई तक सीमित न रहे बल्कि आजीवन बना रहना चाहिए। उन्होंने कक्षाओं को आकर्षित बनाने पर जोर दिया और कहा कि वर्तमान युग डिजिटल क्रांति का युग है। शिक्षकों को लगातार अपडेट रहने की जरूरत है ताकि वे सूचना से अर्जित ज्ञान विद्यार्थियों को प्रदान कर सकें।
स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि हमें प्राकृतिक संसाधनों को संभालकर रखना चाहिए। उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि विश्व के 70% आर्थिक संसाधन चीन और भारत के पास थे। भारत को आर्थिक रूप से संपन्न बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें जॉब प्रोवाइडर बनने की दिशा में सोचना होगा। उन्होंने गुरु शिष्य परंपरा में लर्निंग को सबसे अधिक महत्व दिया और कहा कि यह फेल पास नहीं, बल्कि लर्निंग बेस्ड होनी चाहिए। उन्होंने एक अच्छा इंसान बनने की बात पर जोर दिया और स्वयं से सीखने एवं आत्म चिंतन को महत्वपूर्ण बताया।
व्याख्यान का संचालन भरतमुनि शोधपीठ के समन्वयक प्रो. गिरीश उपाध्याय ने किया और आभार प्रदर्शन प्रो. शिवकुमार विवेक ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।