मानव संग्रहालय में केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने किया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का शुभारंभ, 5 दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर की भी शुरुआत
**भोपाल**: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में शनिवार को केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री **दुर्गादास उइके** ने *अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन* का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तीन *पद्मश्री* से सम्मानित हस्तियां—सुश्री यानु लेगो, सुश्री लक्ष्मी कुट्टी और श्री अर्जुन सिंह धुर्वे—विशेष रूप से उपस्थित रहीं। श्री उइके ने उनका शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
शुभारंभ से पहले **’मां के नाम पेड़’ अभियान** के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री श्री उइके और श्री जे. नंदकुमार ने तटीय ग्राम प्रदर्शनी में नारियल के पेड़ लगाए। इसके बाद, 5 दिवसीय *जनजातीय वैद्य शिविर और कार्यशाला* का भी शुभारंभ किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय वैद्य भाग ले रहे हैं।
### **सम्मेलन में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे**
श्री दुर्गादास उइके ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति के पूजक होते हैं और उनके पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि *पूर्व लोकमंथन* जैसे आयोजन राष्ट्रीय चेतना को जाग्रत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने वक्तव्य में श्री उइके ने भगवान राम, पांडव, चाणक्य और जनजातीय समाज के ऐतिहासिक उदाहरणों का उल्लेख करते हुए जनजातीय समाज की महत्ता को रेखांकित किया।
### **अन्य प्रमुख वक्ता**
*अखिल भारतीय प्रज्ञा प्रवाह* के राष्ट्रीय संयोजक **श्री जे. नंदकुमार** ने भारत की संवाद परंपरा पर चर्चा करते हुए कहा कि लोकमंथन राष्ट्रीय जागरूकता का प्रतीक है। उन्होंने भाग्यनगर में होने वाले आगामी लोकमंथन की जानकारी भी साझा की।
**पूर्व कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश** ने पारंपरिक चिकित्सा को अधिक लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए इन्हें जन-जन तक पहुंचाने की बात कही।
*निदेशक जनजातीय शोध संस्थान* **श्री विनोद सेमवाल** ने जनजातीय ज्ञान को लिपिबद्ध करने और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक **प्रो. (डॉ.) अमिताभ पांडे** ने जनजातीय समाज के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका योगदान हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है।
### **जनजातीय वैद्य शिविर की शुरुआत**
इस कार्यक्रम के तहत आयोजित *जनजातीय वैद्य शिविर और कार्यशाला* में 18 राज्यों से आए जनजातीय वैद्य 44 स्टॉल पर अपने पारंपरिक उपचार पद्धतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां प्राकृतिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लाइव प्रदर्शन के साथ-साथ औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है। यह शिविर 25 सितंबर तक जारी रहेगा, जहां प्रतिदिन इंटरेक्टिव सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
### **समापन समारोह**
इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पूर्व लोकमंथन सम्मेलन का समापन **रविवार** को होगा, जिसमें **उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार** मुख्य अतिथि होंगे। समापन समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो. (डॉ.) अमिताभ पांडे, डॉ. सुनीता रेड्डी और डॉ. सुशील के. श्रीवास्तव भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और जनजातीय वैद्य शिविर के आयोजन से जनजातीय समाज की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।